>अशोक भाटिया , मुंबई
स्मार्ट हलचल/प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद देश को लम्बा संबोधन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 98 मिनट लंबे अपने भाषण में सेकुलर कोड, रिफॉर्म, महिला अत्याचार, करप्शन और मेडिकल एजुकेशन से लेकर नई शिक्षा नीति का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी का कहना था कि अब हम चाहते हैं कि आत्मनिर्भर बनें। दुर्भाग्य से हमारे देश में आजादी के बाद लोगों को एक प्रकार के माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा। सरकार से मांगते रहो, सरकार के सामने हाथ फैलाते रहो। हमने गवर्नेंस के इस मॉडल को बदला है। आज सरकार खुद लाभार्थियों के पास जाती है।
लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी ने देश की चुनौतियों पर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि कई चुनौतियां हैं, देश के भीतर भी हैं और बाहर भी हैं। मैं ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए संकट लेकर नहीं आता। जब हम विश्व में समृद्ध थे, तब भी हमने विश्व को कभी युद्ध में नहीं झोंका। हम बुद्ध का देश हैं, युद्ध हमारी राह नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक समाज के नाते हमें ये सोचना होगा कि हमारी माता, बहनों और बेटियों के साथ जो अत्याचार हो रहे हैं। उसके प्रति लोगों का आक्रोश है। राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो, राक्षसी काम करने वाले लोगों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो। समाज में विश्वास पैसा करने के लिए ये जरूरी है। महिलाओं पर अत्याचार की जब घटनाएं होती हैं तो उसकी बहुत ज्यादा चर्चा होती है। मगर जब ऐसा करने वाले राक्षसी व्यक्ति को सजा होती है तो इसकी खबर कोने में नजर आती है। इस पर चर्चा नहीं होती है। अब समय की मांग है कि ऐसा करने वाले दोषियों की भी व्यापक चर्चा हो ताकि ऐसा पाप करने वालों को भी डर हो कि उन्हें फांसी पर लटकना पड़ेगा। मुझे लगता है कि ये डर पैदा करना जरूरी है। ’
प्रधानमंत्री ने परिवारवाद और जातिवाद पर भी चिंता व्यक्त की । उनके अनुसार परिवारवाद और जातिवाद से लोकतंत्र को नुकसान पहुंच रहा है। इससे हमें देश को मुक्ति दिलानी है। हमारा एक मिशन ये भी है कि एक लाख ऐसे लोगों को आगे लाया जाए, जिनके परिवार में किसी का भी राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं हो। इससे देश को परिवारवाद और जातिवाद से मुक्ति मिलेगी। इससे नयी सोच सामने आएगी। वे किसी भी दल में जा सकते हैं। भाई-भतीजावाद, जातिवाद समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं; राजनीति से इन्हें खत्म करना होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज हर काम को चुनाव से रंग दिया गया है। सभी राजनीति दलों ने अपने विचार रखे हैं। एक कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयारी है। देश को वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए आगे आना होगा। मैं राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं कि भारत की प्रगति के लिए वन नेशन, वन इलेक्शन के सपने को साकार करने के लिए आगे आना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई ईमानदारी के साथ जारी रखने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि हमारा हर देशवासी भ्रष्टाचार के दीमक से परेशान रहा है, इसलिए हमने व्यापक रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इसकी कीमत भी चुकानी पड़ती है लेकिन उनकी प्रतिष्ठा राष्ट्र से बड़ी नहीं हो सकती। भ्रष्टाचार के प्रति लोगों के गुस्से और राष्ट्र की प्रगति में होने वाले नुकसान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘इसलिए, भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई ईमानदारी के साथ जारी रहेगी, तीव्र गति से जारी रहेगी और भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई जरूर होगी। मैं उनके लिए भय का वातावरण पैदा करना चाहता हूं। देश के सामान्य नागरिक को लूटने की जो परंपरा बनी है उस परंपरा को मुझे रोकना है। ’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में हालात जल्द सामान्य होंगे और वहां हिंदू और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश की विकास यात्रा को लेकर शुभेच्छा रहेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते हमें चिंता होना स्वाभाविक है। मैं आशा करता हूं कि वहां हालात जल्द सामान्य होंगे। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता यह है कि वहां हिंदू, अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो। भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें। शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है, हमारे संस्कार हैं। आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा के लिए हमेशा हमारी शुभेच्छा रहेगी, क्योंकि हम मानव जाति की भलाई के बारे में सोचने वाले लोग हैं। ’
लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी ने इशारों-इशारों में पाकिस्तान को खबरदार किया। उन्होंने कहा कि कोरोना के संकटकाल को नहीं भूला जा सकता है। यही वो देश है, जहां जब आतंकवादी हमले करके चले जाते थे। जब देश की सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है। जब सेना एयरस्ट्राइक करती है तो युवाओं का सीना गर्व से भर जाता है। यही बातें हैं जो देशवासियों के मन को गर्व से भरती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र में बदलाव की जरूरत पर भी जोर दिया और कहा कि सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास कर रही है। उन्होंने रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत में आ रही गिरावट पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं और ऐसी कृषि पद्धतियों के लिए बजट आवंटन भी बढ़ाया गया है। मोदी ने भरोसा जताया कि भारत दुनिया का जैविक खाद्यान्न उत्पादक बन सकता है। उन्होंने कहा, ”हमारी कृषि प्रणाली में बदलाव लाना बहुत जरूरी है। यह समय की मांग है। ”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड की चर्चा चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा की है। अनेक बार आदेश दिए हैं। क्योंकि देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि जिस सिविल कोड को लेकर हम जी रहे हैं, वो सिविल कोड सचमुच में एक कम्युनल और भेदभाव करने वाला सिविल कोड है। अब हमें सेकुलर सिविल कोड की तरफ जाना होगा। प्रधानमंत्री मोदी का कहना था कि हमारे संविधान की भावना कहती है कि इस विषय पर देश में गंभीर चर्चा हो, जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं। ऐसे कानूनी आधुनिक समाज नहीं बनाते। देश के संविधान निर्माताओं का भी ये सपना था। जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं, जो ऊंच-नीच का कारण बनते हैं, वैसे कानूनों के लिए देश में कोई जगह नहीं हो सकती। देश में 75 सालों से कम्युनल सिविल कोड है।
प्रधानमंत्री मोदी ने डिजाइनिंग इंडिया का भी मंत्र दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा, भारत अपनी बेस्ट क्वालिटी के लिए जाना जाएगा, इसके लिए हम डिजाइनिंग इंडिया पर बल देना है। हमें कोशिश करनी है कि अब इंडियन स्टैंडर्ड, इंटरनेशनल स्टैंडर्ड बनेंगे, ये हमारा लक्ष्य होना चाहिए। डिजाइनिंग इंडिया और डिजाइनिंग फॉर वर्ल्ड पर हमारा फोकस होना चाहिए। गेमिंग की दुनिया आज तेजी से उभर रही है। हम गेमिंग की दुनिया में नया टैलेंट लेकर आ सकते हैं। मैं चाहता हूं कि भारत के बच्चे, भारत के नौजवान, आईटी, एआई प्रोफेशनल्स गेमिंग की दुनिया में अपना नाम करें और गेम विकसित करें।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हम दुनिया की बेस्ट प्रैक्टिसिस को आगे रखते हुए बढ़ना चाहते हैं। हर सेक्टर में नएपन की जरूरत है। टेक्नोलॉजी को जोड़ने की जरूरत है। नई नीतियों के चलते यह संभव हो पा रहा है। हम पूरे सामर्थ्य के साथ चल पड़े हैं। खिल उठे हैं। सिद्धि को निकट देखें और इसे आत्मसात करें इस दिशा में चलना है। मैं जमीनी स्तर की बात कर रहा हूं, हमारी 10 करोड़ बहनें विमेंस सेल्फ ग्रुप से जुड़ी हैं। महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं। वो परिवार के निर्णय की भागीदार बन रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का कहना था कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत हम देश में ऐसी शिक्षा व्यवस्था विकसित करना चाहते हैं कि मेरे देश के नौजवानों को विदेश न जाना पड़े, मध्यमवर्गीय परिवारों को लाखों-करोड़ रुपये खर्च न करने पड़ें। हम यहां ऐसे संस्थानों का निर्माण करना चाहते हैं जहां विदेशों से लोग भारत आएं। जो हो गया है, हम उससे संतोष मानकर बैठने वाले नहीं हैं। हम विकास को, समृद्धि को अपना स्वभाव बनाना चाहते हैं। आज नई शिक्षानीति के कारण 21वीं सदी के अनुरूप व्यवस्था बना रहे हैं। मैं नहीं चाहता कि मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चे विदेश पढ़ने जाएं और मोटा पैसा खर्च हो। मैं चाहता हूं कि भारत में ऐसी शिक्षा व्यवस्था हो, जिससे विदेश के बच्चे यहां पढ़ने आएं। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि आज देश के युवा मेडिकल की पढ़ाई के लिए बाहर जा रहे हैं, इसलिए हमने पिछले दस साल में मेडिकल सीटों को एक लाख कर दिया है। करीब 25 हजार युवा मेडिकल एजुकेशन के लिए विदेश जा रहे हैं, इसलिए हमने तय किया है कि अगले पांच साल में मेडिकल लाइन में 75 हजार नई सीटें बनाई जाएंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने हर सेक्टर में रिफॉर्म का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा, हमने गरीबों, वंचितों और युवाओं के संकल्प आकांक्षाओं को आकार दिया है। हमारे रिफॉर्म चार दिन की वाहवाही के लिए नहीं है। मैं आज कह सकता हूं कि हमारा रिफॉर्म ग्रोथ का ब्लूप्रिंट है। हमने राजनतिक मजबूरी के कारण ये नहीं किया। ये राजनीति का भागाकार, गुणाकार करके नहीं किया। हम राष्ट्र प्रथम और भारत महान बने, उस संकल्प के साथ काम करते हैं। हमने रिफॉर्म जमीन पर उतारे हैं। विकसित भारत 2047, स्वस्थ भारत भी होना चाहिए, इसलिए विकसित भारत की पहली पीढ़ी के लिए पोषण अभियान चलाया है। हमें कृषि को रिफॉर्म करना है। पुरानी परंपराओं से मुक्ति पानी होगी। हम किसानों की मदद कर रहे हैं, आसान लोन दे रहे हैं, उसे टेक्नोलॉजी दे रहे हैं। उत्पादन क्षमता कम हो रही है, ऐसे में वो किसान जो प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, उनके लिए बजट में बड़ा प्रावधान है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हमारी आदत हो गई थी कि रक्षा बजट कितना ही क्यों ना हो, लेकिन कभी कोई ये नहीं सोचता था कि ये जाता कहां है? रक्षा बजट विदेशों से खरीदी में चला जाता था। अब हम चाहते हैं कि हम आत्मनिर्भर बने। मैं हमारी सेना को हृदय से धन्यवाद करना चाहता हूं कि उन्होंने हजारों ऐसी चीजों की लिस्ट बनाई है, जो अब विदेशों से नहीं लाई जाएंगी। इसी कारण डिफेंस सेंटर में हम आत्मनिर्भर बनते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी का कहना था कि आज हम देश में ही रक्षा उत्पादन कर रहे हैं। डिफेंस सेक्टर में हम आत्मनिर्भर होते जा रहे हैं। दुनियाभर में भारत की डिफेंस सेक्टर में पहचान बनी है। हम डिफेंस में मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने सेना की तारीफ की और कहा, यही देश है जहां आततायी आतंकी आकर हमें मारकर चले जाते थे, आज देश की सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है तो सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। इस प्रकार प्रधानमंत्री मोदी ने 98 मिनट के अपने संबोधन में विकसित भारत का दस्तावेज रख दिया ।
अशोक भाटिया,