राकेश मीणा
अहमदाबाद/स्मार्ट हलचल| नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राएँ हों या देश के भीतर लगातार चलने वाले महत्वपूर्ण कार्यक्रम उनकी दिनचर्या में एक व्यक्ति हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हैं बद्री मीणा, जो पिछले 13 साल से अधिक समय से प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत रसोइए और भोजन प्रबंधक के रूप में उनकी सबसे विश्वस्त टीम का हिस्सा हैं।
उदयपुर (राजस्थान) से प्रधानमंत्री आवास तक का सफर
उदयपुर जिले के छोटे से गांव से आने वाले बद्री मीणा का सफर प्रेरणादायक है।
करीब 25 साल पहले वह अपने दोस्तों दिनेश मीणा और सूरज मीणा के साथ काम की तलाश में गुजरात आए। सभी ने लगभग 15 वर्ष की उम्र में भाजपा कार्यालय, खानपुर (अहमदाबाद) में काम शुरू किया।
1998 में मोदी के भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बनने के बाद बद्री ने उन्हें भोजन उपलब्ध कराना शुरू कर दिया।
2001 में मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री बनते ही, बद्री आधिकारिक रूप से उनके स्टाफ का हिस्सा बन गए।
मोदी अपने सादे और स्वास्थ्यकर भोजन के लिए जाने जाते हैं, और बद्री मीणा का काम यह सुनिश्चित करना होता है कि प्रधानमंत्री को हर परिस्थिति में उनकी पसंद का, स्वच्छ, हल्का और निर्धारित समय पर भोजन मिले।
प्रधानमंत्री का पसंदीदा भोजन: सादगी और अनुशासन का पालन
*मोदी का खानपान सरल लेकिन बेहद अनुशासित है।
उनकी नियमित पसंद इस प्रकार है—
सप्ताह में तीन बार खिचड़ी
नाश्ते में इडली-डोसा और अन्य दक्षिण भारतीय व्यंजन
कम मसाले वाले गुजराती शाक (सब्ज़ियाँ)
मोदी विशेष रूप से पसंद करते हैं—
भिंडी कढ़ी, वघारेली खिचड़ी, खाखरा और मीठा आम का अचार ‘चुण्डो’।
वे सख्त शाकाहारी हैं और भोजन में तीखापन बिल्कुल नहीं रखते।
यहीं उनकी मेहनत, साफ-सफाई और दलिया से बनी खिचड़ी व कढ़ी ने नरेंद्र मोदी (तब पार्टी के संगठन महामंत्री) का ध्यान आकर्षित किया।
विदेश यात्राओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका
सुरक्षा कारणों और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मोदी ने बाहर का भोजन बंद कर दिया है। तब से बद्री मीणा लगभग हर विदेश यात्रा में प्रधानमंत्री के साथ रहते हैं।
वे—
स्थानीय बाजार से ताज़ी सब्ज़ियाँ चुनते हैं,
यात्रा से पहले गुजराती मसाले, अचार और विशेष सामग्री पैक करते हैं,
प्रधानमंत्री की सेहत के अनुसार भोजन की मात्रा और प्रकार तय करते हैं।
हाल ही में उन्हें प्रधानमंत्री के वजन, पीठ दर्द और पैरों की सूजन का विशेष ध्यान रखने के निर्देश मिले थे।
प्रधानमंत्री का विश्वास: विदेशी मेहमानों के भोज की जिम्मेदारी भी
यह बद्री की दक्षता और प्रधानमंत्री के उन पर विश्वास का प्रमाण है कि अहमदाबाद में आयोजित एक रात्रिभोज में,
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए बने 150 से अधिक गुजराती व्यंजनों की जिम्मेदारी किसी वरिष्ठ अधिकारी को नहीं, बल्कि बद्री मीणा को सौंपी गई थी।
प्रधानमंत्री कार्यालय में भी संभालते हैं जिम्मेदारी
बद्री न केवल प्रधानमंत्री आवास की रसोई संभालते हैं, बल्कि पीएमओ में मौजूद पूरी रसोइया टीम का समन्वय भी करते हैं। यहां तक कि मोदी की भूटान यात्रा से एक सप्ताह पहले एक रसोइए को वहां भेजा गया ताकि उनके अनुरूप भोजन की तैयारी की जा सके।
सादगी और ईमानदारी से मिला विश्वास
बद्री मीणा को जानने वाले बताते हैं कि वे आज भी बेहद सादगी से रहते हैं। प्रधानमंत्री के साथ किसी भी यात्रा पर पहुंचते ही वे स्थानीय सब्ज़ी मंडी में जाकर स्वयं सामग्री चुनते हैं और मुफ्त में कुछ भी स्वीकार नहीं करते।
मोदी पर लिखी पुस्तकों के लेखक भी बताते हैं कि प्रधानमंत्री बचपन से अच्छे रसोइए रहे हैं, इसलिए वे वही व्यक्ति चुनते हैं जो कड़ाई से गुणवत्ता और स्वाद को समझ सके।
यही कारण है कि बद्री मीणा दो दशक से अधिक समय से प्रधानमंत्री मोदी के भोजन और स्वास्थ्य का भरोसेमंद स्तंभ बने हुए हैं।


