सोशल/डिजिटल मीडिया, केबल ऑपरेटर्स को लेनी होगी राजनैतिक विज्ञापन के लिए पूर्व अनुमति,Prior permission for political advertising
– सोशल मीडिया पर अपलोड नहीं करें फेक कंटेंट : जिला निर्वाचन अधिकारी,
– लोकसभा चुनाव : 2024 के लिए जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एण्ड मॉनिटरिंग कमेटी गठित
ब्यूरो रिपोर्ट :- शिवराज बारवाल मीना
टोंक/स्मार्ट हलचल/लोकसभा चुनाव – 2024 में आदर्श आचार संहिता की पालना के लिए मीडिया सर्टिफिकेशन एण्ड मॉनिटरिंग कमेटी गठित हो गई है। यह कमेटी प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, केबल/मोबाइल नेटवर्क तथा सभी प्रकार के संप्रेषण साधनों पर विज्ञापन, समाचार, संदेश, चर्चा व साक्षात्कार की जांच सहित पेड न्यूज पर विशेष निगरानी रखेगी। भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार किसी भी प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित-प्रसारित समाचार या विश्लेषण, जिसका मूल्य नगद या वस्तु विशेष में दिया गया हो तो उसे पेड न्यूज के रूप में संदिग्ध मानकर समिति के समक्ष रखा जाएगा।
———- जानिए क्या है पेड न्यूज ———-
समाचार का उद्देश्य सूचना-प्रदान करना एवं विज्ञापन का उद्देश्य बढ़ावा देना या प्रोन्नत करना है। समाचार निष्पक्ष होता है जबकि विज्ञापन का मूल्य होता है। जिले में मतदाताओं पर गलत तरीके से प्रभाव डालना, उन्हें भ्रमित करना, सोचने के अधिकार और चुनाव व्यय पर प्रभाव डालना, इस आशय से समाचारों को पेड न्यूज माना जाएगा। इसमें एक ही लेख, फोटो, हैडलाइन यदि अलग-अलग प्रकाशनों में छपती है या भिन्न लेखक के नाम से या थोड़े से भिन्न वाक्य के साथ किसी विशेष समाचार पत्र में प्रत्याशियों के प्रशंसात्मक लेख प्रकाशित होते हैं या विशेष प्रत्याशी की अत्यधिक प्रशंसा एवं जीत की संभावना, किसी एक की अन्य प्रत्याशियों की तुलना में अधिक कवरेज हो तो इसको भी पेड न्यूज की श्रेणी में माना जाएगा। इसमें मीडिया प्रकोष्ठ, व्यय पर्यवेक्षक, मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा किसी भी शिकायत के आधार पर एवं स्वप्रेरणा से संदिग्ध पेड न्यूज के प्रकरण प्राप्त होंगे। उन पर विश्लेषण और आगामी निर्णय एमसीएमसी कमेटी द्वारा किया जाकर निर्धारित कार्यवाही की जाएगी।
——- पेड न्यूज पर कार्यवाही ——-
संदेहास्पद एवं संदिग्ध पेड न्यूज पर निगरानी के लिए जिला परिषद के पुराने भवन में राउंड द क्लॉक निगरानी तंत्र स्थापित है। यहां प्रकाशित-प्रसारित समाचारों का विश्लेषण किया जा रहा है। समिति द्वारा संदिग्ध पेड न्यूज मानी जाने पर आरओ के माध्यम से सम्बंधित प्रत्याशी को 96 घंटे के भीतर नोटिस जारी होगा। प्रत्याशी को 48 घंटे के भीतर उक्त मामले में जवाब प्रस्तुत करना होगा। इसकी अपील राज्य स्तर पर एमसीएमसी को 48 घंटे में और राज्य स्तरीय एमसीएमसी की अपील भारत चुनाव आयोग को 48 घंटे के भीतर की जा सकती है। इसमें नामांकन की तिथि से पेड न्यूज निर्धारित की जाएगी। पेड न्यूज की लागत डीएवीपी या डीआईपीआर में से जो न्यूनतम हो, से ज्ञात की जाएगी। डीएवीपी दर नहीं होने पर डीपीआर दर से पेड न्यूज की लागत निर्धारित होगी।
——– राजनैतिक विज्ञापन प्रमाणित करवाना अनिवार्य ——–
टी.वी चैनल एवं केबल नेटवर्क पर किसी राजनैतिक दल संस्था या प्रत्याशी द्वारा प्रसारण के लिए जारी होने वाले सभी विज्ञापन जारी होने से पूर्व रिटर्निंग ऑफिसर स्तरीय समिति से प्रमाणित करवाने होंगे। उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार टी.वी चैनल एवं केबल नेटवर्क, एफ.एम. रेडियो पर राजनैतिक दल संस्था या प्रत्याशी द्वारा प्रसारण हेतु जारी होने वाले सभी विज्ञापन आयोग द्वारा विभिन्न स्तर पर गठित समितियों द्वारा जारी करने से पूर्व ही प्रमाणित करवाने होंगे। आयोग आदेशानुसार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापन में टी.वी. चैनल, केबल के साथ रेडियो एफएम चौनल, सिनेमाघर में प्रसारित राजनैतिक विज्ञापनों को भी जोड़ा जाएगा। साथ ही जन सभाओं एवं सार्वजनिक स्थान पर दृश्य-श्रव्य विज्ञापन भी प्रमाणित करवाने होंगे। सोशल मीडिया व ई-पेपर में जारी किए जा रहे राजनैतिक विज्ञापनों का भी प्रमाणन किया जाएगा।