प्रकृति प्रेमी शिक्षक हरियालो मगराचल अभियान के तहत जन्मदिन पर आसींद में पौधरोपण कर की शुरुआत
रोहित सोनी
आसींद:- सबके अपने-अपने शौक होते हैं। किसी अपने शौक से दूसरों को फायदा हो तो यह कई मायने ने कारगार साबित होते है। यूं तो लोग दिनों दिन प्रकृति का विनाश कर रहे है अपने फायदे के लिए प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहे है, लेकिन एक शिक्षक ने प्रकृति के फायदे के लिए पौधरोपण को अपना शौक बनाया है। वो अपने जन्मदिन पर पौधरोपण और वृक्षों का संरक्षण कर अपना शौक पूरा करते है। ऐसे शिक्षक की कहानी बता रहे है, जो न सिर्फ किताबी तौर पर प्रकृति के फायदे की शिक्षा देते है, बल्कि निजी जीवन में भी प्रकृति के संरक्षण के लिए अमूल्य कार्य रहे है। वर्ष 2016 से अपने जन्मदिन से शुरुआत कर प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने के लिए पौधरोपण कर रहे हैं। इसके साथ ही अन्य लोगों को भी अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए जागरुक करते है। वह वर्तमान में ग्राम टॉडगढ़ के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में संस्कृत के अध्यापक के पद पर कार्यरत है। शिक्षक हजारी सिंह रावत ने बताया कि वर्ष 2016 में अपने साथियों शांतिलाल सोलंकी, अलका जैन, राकेश शर्मा की प्रेरणा से पौधरोपण की शुरुआत की। जिसके बाद उन्होंने सर्वप्रथम राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय धौलाधांता में पौधरोपण किया था। तब से लेकर आज तक वह लगातार पौधरोपण कर रहे है। उनके द्वारा भीलवाड़ा राजसमंद, पाली ,अजमेर चार जिलों की स्कूल ग्राम पंचायत हॉस्पिटल श्मशान घाट, सार्वजनिक स्थानों में नीम, पीपल व पारस बरगद पीपल के पौधे लगाए जा रहे है। पेड़ लगाना प्रकृति के शृंगार के समान है। हम इस ओर अपना प्रयास करते है, तो हम पर प्रकृति की कृपा बनी रहती है। आज पर्यावरण और प्रकृति प्रदूषित हो चुका है। इसके संतुलन के लिए पेड़ पौधे लगाना अनिवार्य है। पेड़ लगाने का उनका व्यक्तिगत शौक है।
शिक्षक हजारी सिंह पौधारोपण करने के साथ ही बेजुबान जीवो के लिए भी कार्य कर रहे है, पिछले 8 वर्षों से शहरी व ग्रामीण इलाकों के विभिन्न स्थानों पर पक्षियों के लिए परिंडे लगाते हैं