महेन्द्र नागौरी
भीलवाड़ा|वस्त्र नगरी भीलवाडा में टेक्सटाइल इकाइयों द्वारा प्रदूषण फैलाने के मुद्दे पर राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने सख्त कदम उठाए हैं। हाल ही में क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित एक बैठक में इकाइयों के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए गए कि वे प्रदूषित जल का निष्कासन इकाई परिसर से बाहर नहीं करेंगे और न ही किसी अन्य गतिविधि में इसका उपयोग करेंगे। इसके अलावा, इकाइयों को Google Sheet में अपूर्ण जानकारी को समय पर भरने और टैंकर से पानी बाहर ले जाने की शिकायतों पर रोक लगाने के लिए कहा गया है।
निर्देश और कार्रवाई:-
प्रदूषित जल का
निष्कासन: –
वरिष्ठ पर्यावरण अभियंता एवं क्षेत्रीय अधिकारी दीपक धनेटवाल ने बताया कि औधोगिक इकाइयों/ प्रोसेस हाउस को निर्देशित किया गया है कि वे प्रदूषित जल इकाई परिसर से बाहर नहीं छोड़ेंगे और न ही किसी अन्य गतिविधि में इसका उपयोग करेंगे। केवल वर्षा जल को निर्धारित रेन वाटर आउटलेट के माध्यम से बाहर निकाला जा सकता है।
Google Sheet में अपूर्ण जानकारी:-
इकाइयों को निर्देशित किया गया है कि वे Google Sheet में MEE सॉल्ट, ETP स्लज और MEE फीड मीटर की रीडिंग से संबंधित जानकारी समय पर और सही तरीके से भरें।
टैंकर से पानी बाहर ले जाने की शिकायतें: –
धनेटवाल ने औधोगिक इकाइयों को निर्देशित किया है कि मानसून के दौरान किसी भी प्रकार के टैंकर का उपयोग नहीं किया जाएगा, सिवाय आपात स्थिति में पीने योग्य या घरेलू उपयोग के लिए। ऐसी स्थिति में टैंकर की पूरी जानकारी और वीडियो ग्राफी का रिकॉर्ड संधारित रखना होगा।
प्राकृतिक नालों से संबंधित जिम्मेदारी: इकाइयों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने परिसर से गुजरने वाले प्राकृतिक नालों की जिम्मेदारी लेंगी और उसमें पाए जाने वाले किसी भी प्रकार के उचिष्ट की सफाई करेंगी।
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की कार्रवाई:-
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने भीलवाड़ा में टेक्सटाइल इकाइयों द्वारा प्रदूषण फैलाने के मुद्दे पर सख्त कदम उठाए हैं। मंडल ने इकाइयों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रदूषण नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम उठाएं और नियमों का पालन करें। यदि कोई इकाई नियमों का उल्लंघन करती है, तो मंडल द्वारा गंभीरता से निर्णय लिया जाएगा और संबंधित इकाई को अस्थायी रूप से बंद कराने की सिफारिश की जा सकती है ।