शाश्वत तिवारी
लखनऊ। स्मार्ट हलचल|भारत के लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाने और सहकारिता के माध्यम से किसानों व समाज के अंतिम व्यक्ति तक रोजगार व सरकारी योजनाओं का लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना की गई है। यह संस्था पूरे भारत के लिए पंजीकृत है और इसका गठन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारी क्षेत्र को प्राथमिकता देने की नीति के अनुरूप किया गया है।
भारत सरकार के नीति आयोग ने इस राष्ट्रीय स्तर की संस्था की संबद्धता को मंजूरी दे दी है। संस्था का मुख्य उद्देश्य सहकारी संगठनों के बीच समन्वय, प्रशिक्षण, अनुसंधान और नीति निर्माण को बढ़ावा देना है, ताकि स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक सहकारी इकाइयों को मज़बूत किया जा सके।
यह संस्था एक बहुराष्ट्रीय संगठन के रूप में कार्य करेगी, जो केंद्र व राज्य सरकारों के सहयोग से सहकारी कानून के अंतर्गत आने वाली ग्रामीण से लेकर राष्ट्रीय इकाइयों तक सभी पदाधिकारियों, सदस्यों और लाभार्थियों को शिक्षा, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान करेगी। साथ ही सहकारी इकाइयों के लिए स्वतंत्र राष्ट्रीय परिषद (महासंघ) का गठन किया जाएगा।
संस्थान की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें वरिष्ठ अनुभवी लोगों, सेवानिवृत्त सिविल सेवकों और सहकारी क्षेत्र से जुड़े पूर्व पदाधिकारियों का मार्गदर्शन उपलब्ध रहेगा। साथ ही संगठन की विभिन्न राज्य इकाइयों में 50% से अधिक जिम्मेदारी निर्वाचित सहकारी पदाधिकारियों को दी जाएगी।
निकट भविष्य में संस्था द्वारा स्वतंत्र राष्ट्रीय कोर समिति, राष्ट्रीय कार्यसमिति, राष्ट्रीय सलाहकार समिति, राष्ट्रीय महिला समिति, क्षेत्रीय एवं राज्य समितियों का गठन किया जाएगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष भरत भाई गाजीपरा के अनुसार, संगठन के औपचारिक शुभारंभ के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह समेत कई वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित किया जाएगा।
प्रमुख पदाधिकारी सूची (राष्ट्रीय स्तर):
राष्ट्रीय अध्यक्ष – भरत गाजीपरा (गुजरात)
राष्ट्रीय अध्यक्ष (सहकारी संस्थान) – अश्विनभाई पटेल (गुजरात)
राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष – कैलाश गोरे पाटिल (महाराष्ट्र)
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष – मनीष भाई दिलीप भाई संघानी (गुजरात)
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष – प्रीतिबेन डोलरराय कोटेचा (गुजरात)
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष – अमित पांडे (लखनऊ, उत्तर प्रदेश)
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष – देवईबेन कानगड (गुजरात)
अन्य महत्वपूर्ण पदाधिकारी:
राष्ट्रीय आंतरिक लेखा परीक्षक – अखिलेश जैन (मध्य प्रदेश)
राष्ट्रीय संयोजक – भारतीबेन पटेल (गुजरात)
राष्ट्रीय मानद मंत्री – मुकेश सखिया (गुजरात)
राष्ट्रीय महासचिव – मंजूनाथ एम. जी. (कर्नाटक)
राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष – तरुणभाई बारोट (गुजरात)
राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य:
डॉ. ममता साहू (छत्तीसगढ़)
निपा मेहता (गुजरात)
सोनल सावंत (महाराष्ट्र)
शीतल दिनेश माली (महाराष्ट्र)
माधव चौधरी (राजस्थान)
यह संस्था दिल्ली और गांधीनगर में अपने स्वामित्व वाले प्रशिक्षण भवन की स्थापना करने जा रही है, जहाँ सहकारी संगठनों के निर्वाचित प्रतिनिधियों व प्रशासनिक टीमों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाएगा। संस्था का लक्ष्य सहकारी क्षेत्र से भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को समाप्त कर पारदर्शिता और विकास को बढ़ावा देना है।