दो दिसंबर को पावटा उपखण्ड कार्यालय के सामने ग्रामीणों द्वारा दिया जाएगा धरना
ओमप्रकाश शर्मा
स्मार्ट हलचल/ पावटा/नगरपालिका पावटा-प्रागपुरा में स्थित पावटा का यह राजकीय सामुदायिक स्वास्थ केंद्र, उपखण्ड पावटा की 29 ग्राम पंचायतो का मुख्य केंद्र है तथा राष्ट्रीय राजमार्ग 48 पर स्थित है। इस सीएचसी पावटा को राज्य सरकार द्वारा इस बजट सत्र में उप जिला चिकित्सालय में क्रमोन्नत किया गया था। इसके बाद इस राजकीय सामुदायिक स्वास्थ केंद्र(सीएचसी)पावटा में जगह की कमी बताकर ग्राम पंचायत लाडाकाबास में ले जाने की जानकारी मिलने पर लोगों में भारी आक्रोश फैल गया। ये आक्रोश उस समय और भी ज्यादा बढ़ गया, जब ग्राम पंचायत लाडाकाबास में इसके लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया अपनाई गई। इंडियन आइकन ओपी बॉयला, महावीर प्रसाद चावला एस सी नेता बीजेपी कार्यकर्ता, पूर्व मंडल महामंत्री भाजपा मक्खन लाल सैनी, पूर्व उप प्रधान भाजपा बनवारी लाल स्वामी, सरपंच संघ जिलाध्यक्ष मेहर सिंह धनखड़, रामपाल मीणा सहित बड़ी संख्या में लोगों ने नगर पालिका क्षेत्र पावटा-प्रागपुरा से सीएचसी पावटा को अन्यत्र ले जाने पर भारी विरोध कर धरना प्रदर्शन एवं संघर्ष करने का निर्णय लिया। लोगों ने राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पावटा को पावटा में ही रखने की मांग की। ग्रामीणों ने संघर्ष के प्रथम चरण में 2 दिसम्बर को प्रातः 11 बजे पावटा उपखण्ड कार्यालय के सामने धरना देने का निर्णय लिया है। वही इस संबंध में उपखंड अधिकारी पावटा कपिल कुमार उपाध्याय ने बताया कि उप जिला चिकित्सालय पावटा के लिए जमीन चिन्हिकरण करने के आदेश मिलने के बाद, ग्राम पंचायत लाडाकावास में जमीन चयनित कर दी गई है। इस संबंध में राजकीय सीएचसी पावटा प्रभारी देवेंद्र शर्मा ने बताया कि इस सीएचसी के उप जिला चिकित्सालय में क्रमोन्नत होने का अभी तक हमारे पास आदेश नहीं आया है।
वहीं विराटनगर विधायक कुलदीप धनकड़ ने बताया कि राजकीय सीएचसी पावटा जहां स्थित है वह पावटा में ही रहेगी। पावटा मे सरकारी जमीन नहीं होने से लाडाकाबास में उप जिला अस्पताल बनना प्रस्तावित हैं। यदि भामाशाह पावटा में जमीन उपलब्ध करवाते है, तो पावटा में ही उप जिला अस्पताल बनाया जा सकता है।
समस्या का समाधान
ग्रामीणों का कहना हैं कि जितनी जमीन लेकर लाडाकाबास में उप जिला अस्पताल बनाना प्रस्तावित है। लगभग उतनी जमीन तो पावटा में किला के पास पुराने अस्पताल की खाली पड़ी है। ऐसे में यहां उप जिला अस्पताल आसानी से बनाया जा सकता है। गोदामों की खाली जमीन में एम एम कोर्ट एवं अन्य कार्यालय बनाए जा सकते है।