ओम जैन
शंभूपुरा। स्मार्ट हलचल|कोंग्रेस आलाकमान द्वारा चित्तौड़गढ़ कोंग्रेस की कमान प्रमोद सिसोदिया को थमाने के साथ ही चित्तौड़ शहर सहित जिलेभर में विरोध के सुर तेज हो गए है।
प्रमोद सिसोदिया को जिलाध्यक्ष बनाये जाने के बाद से जहा एक ओर उनके कई जगह समर्थकों द्वारा स्वागत किये जा रहे है वही दूसरी ओर जिले में उनके खिलाफ विरोध के सुर भी तेज हो गए है और कोंग्रेस अलग अलग गुटों में बंटती नजर आ रही जो अब एक होना आसान नही दिख रहा। वही दुसरी ओर सिसोदिया लगातार सोशल मीडिया पर ट्रॉयल हो रहे है उनके ऊपर कोंग्रेस पार्टी के ही जिले के एक वरिष्ठ नेता को हराने में अहम भूमिका निभाने, कोंग्रेस ही छवि खराब करने, पार्टी को नुकसान पहुंचाने सहित कई गम्भीर आरोप लग रहे है।
जहाँ एक ओर समर्थकों द्वारा स्वागत तो दूसरी ओर सिसोदिया को अपने ही शहर और जिले में विरोध भी झेलना पड़ रहा है। अब जिले में कोंग्रेस अलग अलग गुटों में नजर आ रही है जिससे यह कहना गलत नही होगा कि आगामी चुनाव में इसका सीधा फायदा विपक्षी पार्टी यानी भाजपा को मिलेगा, हालांकि जिले में भाजपा के तो पहले ही लम्बे समय से हालात सही नही है लेकिन अब कोंग्रेस की फुट ओर गुटबाजी का फायदा जरूर भाजपा को मिलता नजर आ रहा है।


