अक्षय शर्मा
भीलवाड़ा। सिखवाल ब्राह्मण समाज की सामाजिक संस्था मां शान्ता श्रृंगी सेवा संस्थान के तत्वाधान में आयोजित पंचकुंडीय श्री राम यज्ञ एवं प्राण प्रतिष्ठा दिव्य महोत्सव किया जा रहा है। संस्थान प्रवक्ता पत्रकार अक्षय शर्मा ने बताया कि संस्थान के नोहरे में नवनिर्मित मंदिर में मां शान्ता, श्रृंगी ऋषि, ब्रह्म शक्ति मां गायत्री, शिव परिवार एवं राम दरबार की मूर्तियां स्थापित की जा रही है जिनका प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम तीन दिन तक चलेगा। नित्य पूजन व हवन 20 से 22 जनवरी तक प्रातः 7:15 से 11:15 पर व दोपहर 2:00 बजे से 4:30 पर रहेगा। कार्यक्रम के प्रथम दिन शनिवार प्रातः 9:15 से चारभुजा नाथ मंदिर मालोला चौराहे से कलश यात्रा निकाली जाएगी व शाम को 7:15 पर सुंदरकाण्ड पाठ का आयोजन किया जाएगा। अगले दिन रविवार शाम 7:15 पर विशाल भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम के अंतिम दिन मूर्ति कलश स्थापना एवं यज्ञ पूर्णाहुति अभिजीत मुहूर्त में 12:31 पर की जाएगी व दोपहर 2 बजे के बाद महाप्रसाद का आयोजन किया जाएगा। आगंतुक अतिथियों में समाज की सिर्ष संस्थाएं ऋषिराज पुष्कर तीर्थ धाम, ऋषिराज मातृकुंडिया तीर्थ धाम, ऋषिराज सेवन्त्री धाम, ऋषिराज त्रिवेणी धाम, ऋषिराज एवं मां गायत्री झरना महादेव रहेंगे। साथ ही इस मौके पर ऋष्य श्रृंग संस्थान, भारतीय सिखवाल युवा संस्थान, श्रृंग ऋषि शिक्षा प्रसार सेवा समिति, श्री सिखवाल सेवा संस्थान, श्रृंगी ऋषि महोत्सव समिति, सिखवाल एकता मंच संस्थान, सिखवाल युवा प्रकोष्ठ, वात्सल्य श्रृंग संस्थान ने समाजजनो को कार्यक्रम में आकर सफल बनाने के लिए विशेष आग्रह किया है। संस्थान सदस्यों द्वारा समाज के परिवारों को आमंत्रण पत्र भी दिया जा रहा है। उक्त कार्यक्रम मां शान्ता श्रृंगी सेवा संस्थान, द हिंदू स्कूल के पास मालोला रोड, गयात्री नगर में आयोजित होंगे।
*कौन थे श्रृंगी ऋषि*
श्रृंगी ऋषि रामायण काल के जाने माने बेहद सिद्ध पुरुष थे। श्रृंगी ऋषि विभांडक ऋषि के पुत्र और कश्यप ऋषि के पौत्र थे। धार्मिक मान्यता के अनुसार राजा दशरथ और कौशल्या की एक पुत्री थीं जिनका नाम शान्ता था। जिन्हें कौशल्या की बहन वर्षिणी और उनके पति अंग देश के राजा रोमपद ने गोद लिया था। बाद में शान्ता का विवाह ऋषि श्रृंगी से कर दिया गया। इस तरह रिश्ते में ऋषि श्रृंगी राजा दशरथ के दामाद और प्रभु श्री राम के जीजा है। आज विश्व भर में निवासरत श्रृंगी ऋषि, सिखवाल, सेखवाल, सुखवाल, नायक व कई जगहों पर उनके वंशज अलग-अलग उपनामों से जाने जाते हैं। श्रृंगी ऋषि ने ही राजा दशरथ के निवास पर पुत्र कामेष्टि यज्ञ किया था और यज्ञ से सिद्ध हुई खीर को राजा दशरथ की रानियों को सेवन करने के पश्चात राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का जन्म हुआ था।