जनता के अटके काम,विरोधियों ने विधायक को घेरा
बानसूर। स्मार्ट हलचल/अब तो कैलेंडर वर्ष का साल भी बदलने को है मगर क्षेत्र में वृताधिकारी का पद करीब पोने तीन महीनों सें रिक्त चल रहा हैं तों वहीं नारायणपुर उपखंड में भी करीब पोने चार महिनों से एसडीएम का पद रिक्त चल रहा हैं। इसके साथ हीं करीब पोने तीन महीने से मुख्य खंड शिक्षा अधिकारी का पद भी रिक्त चल रहा हैं। विधानसभा क्षेत्र में तीन बड़े विभाग बिना कप्तान के ही चल रहें हैं। क्या सरकार एक साल के जश्न में यहां अधिकारी भेजना ही भूल गई। आपकों बता दें कि राज्य सरकार ने 9 सितंबर 2024 को आदेश जारी कर एसडीएम लक्ष्मी नारायण बुनकर की पदोन्नति के बाद उनका स्थानांतरण कर दिया था। तभी सें एसडीएम का पद लगातार रिक्त चल रहा है। सरकार ने यहां नया उपखंड अधिकारी हीं नहीं भेजा । फिलहाल बानसूर एसडीएम अनुराग हरित के पास नारायणपुर एसडीएम का अतिरिक्त कार्यभार है। एसडीएम नहीं होंने सें आमजन की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है उनके सरकारी काम भी अटके हुए हैं। आम जनता काम करवाने के लिए दफ्तरों में आए दिन चक्कर काट रही है लेकिन उनकी सुनने वाला अधिकारी हीं नहीं है। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इसको लेकर गंभीर नहीं है। जिसका नुकसान क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है। एसडीएम का पद रिक्त होने से पक्षकारों के एसडीएम न्यायालय संबंधी कार्य समय पर नहीं हो पा रहे हैं। अधिवक्ताओं ने बताया कि मजिस्ट्रेट संबंधी न्यायालय के कार्य नहीं होने से पक्षकार परेशान हैं।
डीएसपी हीं नहीं तों कैसे सुधरे कानून व्यवस्था ?
बानसूर डीएसपी का पद करीब पोनी तीन महीने से रिक्त चल रहा हैं। राज्य सरकार नें 7 अक्टूबर 2024 कों डीएसपी सत्य प्रकाश मीणा का एससी एसटी सेल टोंक में तबादला कर दिया था। तों वहीं गिरधर सिंह कों करौली के हिंडौन से बानसूर डीएसपी के पद पर लगाया था। लेकिन अभी तक उन्होंने कार्यभार ग्रहण नहीं किया हैं। ऐसे में बानसूर,नारायणपुर, बासदयाल व हरसोरा थानों के वृत का अतिरिक्त कार्यभार कोटपूतली डीएसपी राजेंद्र बुरड़क के पास ही हैं। बिना डीएसपी के क्षेत्र की कानून व्यवस्था भी लचर हैं।
बिना कप्तान के चल रहा शिक्षा विभाग
नारायणपुर उपखंड क्षेत्र मुख्य खंड शिक्षा अधिकारी थानागाजी के अधीन आता हैं लेकिन करीब पोनी तीन महीने पूर्व थानागाजी सीबीईओं रामसिंह मीणा की पदोन्नति व स्थानांतरण के बाद मुख्य खंड शिक्षा अधिकारी का पद रिक्त चल रहा हैं। इसी माह स्कूली विद्यार्थियों की अर्धवार्षिक परीक्षाएं सम्पन्न हुई हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि बिना कप्तान के शिक्षा विभाग के काम कैसे हों रहें होंगे। एक और जहां भजनलाल सरकार अपना एक साल पूरा होने पर जश्न मना रही है तो वहीं दूसरी ओर विधानसभा क्षेत्र में बड़े अधिकारियों के पद ही रिक्त हैं तों आखिर सरकार की योजनाओं को स्थानीय स्तर पर संचालित कौन करें।
इनका यह कहना हैं-
•राज्य सरकार पूरी तरह फ्लॉप हैं। काफ़ी दिनों से नारायणपुर एसडीएम व बानसूर डीएसपी का पद रिक्त है।ग्रामीणों की सुनवाई समय पर नहीं हो पा रही है। ग्रामीण उपखंड कार्यालय और डीएसपी कार्यालय के समस्याओं के समाधान के लिए चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन अधिकारी नहीं होने से सभी के काम अटके हुए हैं। विधायक को संज्ञान लेकर आमजन को राहत देनी चाहिए और अगर स्थानांतरण हुए अधिकारी नहीं आ रहे हैं तो दूसरे अधिकारियों के स्थानांतरण करवाकर यहां लाएं- शकुंतला रावत,पूर्व उद्योग मंत्री
•बिना प्रशासनिक अधिकारियों के जनता कार्यालयों के चक्कर काट रही है उनके कोई काम नहीं हो रहे, जनता त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही है लेकिन जिम्मेदारों का कोई ध्यान नहीं है। यह सरकार पिछले 11 महीनों में अधिकारियों के ट्रांसफरों के अलावा कुछ नहीं कर पाई। क्षेत्र में लगातार आपराधिक घटनाएं सामनें आ रहीं हैं सरकार ने जनता से सुशासन का वादा किया था लेकिन डीएसपी ही नहीं है तो कैसे अपराध नियंत्रित हो। मेरी स्थानीय विधायक से मांग हैं कि वह प्रशासनिक अधिकारियों की रिक्तियों को भरवाएं ताकि जनता के अटकें हुए कार्य हो सके – के जी कौशिक, पूर्व सदस्य श्रमिक कल्याण बोर्ड राजस्थान
* डीएसपी जैसा अति महत्वपूर्ण बड़ा पद रिक्त चल रहा हैं जिससे कानून व्यवस्था चरमरा गई हैं। क्षेत्र में बानसूर डीएसपी, नारायणपुर एसडीएम व नारायणपुर क्षेत्र के सीबीईओं का पद रिक्त चल रहा है जिसके चलते आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और उनके काम अटक रहे हैं लेकिन राज्य सरकार व विधायक उदासीन बनें हुए हैं – रामगोपाल यादव, जिलाध्यक्ष आप।