पुनित चपलोत
भीलवाड़ा । शहर के स्टेशन रोड पर लगने वाली पुरानी कपड़ा मंडी को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार सुबह स्टेशन रोड पर उस समय वापस विवाद खड़ा गया जब पुराने कपड़े बेचने वाले व्यापारी अपनी दुकानें लगाने पहुंचे, लेकिन कोतवाली थाना पुलिस ने उन्हें वहां से हटने को कहा । इस दौरान पुलिस और व्यापारियों के बीच काफी देर तक बहस और विरोध का सिलसिला चलता रहा। जब काफी देर समझाइश के बाद भी व्यापारी नहीं माने तो पुलिस को थोड़ा बल प्रयोग करके उन्हें वहां से हटाना पड़ा । गौरतलब है कि यह विवाद नया नहीं है। पूर्व में भी स्थानीय दुकानदारों और सड़क किनारे पुराने कपड़े बेचने वालों के बीच कई बार विवाद हो चुका है। स्थानीय व्यापारियों का तर्क है कि सड़क पर मंडी लगने से आवाजाही बाधित होती है और उनके व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वहीं, पिछले दिनों इस विरोध के चलते पुराने कपड़े के व्यापारियों ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर उग्र प्रदर्शन किया था और प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर मांग की थी कि उन्हें उसी जगह (स्टेशन रोड) पर मंडी लगाने की अनुमति दी जाए जहाँ वे वर्षों से बैठते आए हैं। रविवार सुबह जैसे ही व्यापारियों ने स्टेशन रोड पर अपनी फड़ (दुकानें) सजाईं, कोतवाली थाना पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंची और मंडी हटवाने की कवायद शुरू की। इसका पुराने कपड़े व्यापारियों ने पुरजोर विरोध किया। आक्रोशित व्यापारियों का कहना था कि, “हम गरीब लोग हैं और केवल रविवार को ही यहां मंडी लगाकर अपना जीवन यापन करते हैं। सप्ताह में एक दिन व्यापार करने से ही हमारे घर का चूल्हा जलता है।” व्यापारियों ने प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा कि यदि उन्हें स्टेशन रोड से हटाया जा रहा है, तो सरकार उन्हें कोई स्थाई जगह आवंटित करे। बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के उन्हें हटाना उनके पेट पर लात मारने जैसा है।
प्रशासनिक पेच में फंसा मामला
फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। एक ओर पुलिस प्रशासन शहर की यातायात व्यवस्था और स्थानीय दुकानदारों की शिकायतों का हवाला दे रहा है, वहीं दूसरी ओर सैकड़ों गरीब परिवारों की रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। अब देखना यह होगा कि नगर परिषद और जिला प्रशासन इस विवाद का क्या बीच का रास्ता निकालता है, ताकि शहर की व्यवस्था भी बनी रहे और इन छोटे व्यापारियों का रोजगार भी न छिने।


