बिन्टू कुमार
नारायणपुर|स्मार्ट हलचल/राजस्थान में पिछली सरकार ने 7 अगस्त 2023 को कोटपूतली-बहरोड़ जिले का गठन किया था, जिसमें नारायणपुर उपखंड को भी शामिल किया गया था। लेकिन जिले के गठन को करीब डेढ़ साल बीत जाने के बावजूद नारायणपुर में प्रशासनिक कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों पर अब तक पुराना अलवर जिला ही लिखा हुआ है। तहसीलदार एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट कार्यालय, राजीव गांधी सेवा केंद्र, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बास बैरिसाल, राजकीय माडा बालक आश्रम छात्रावास, और महात्मा गांधी विद्यालय जैसे संस्थानों पर अभी भी अलवर जिला लिखा हुआ है। इससे आम जनता को सरकारी कामकाज के दौरान असमंजस की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि जिले का गठन होने के बाद नाम और पहचान में बदलाव तुरंत होना चाहिए था, ताकि भ्रम की स्थिति से बचा जा सके। नारायणपुर को ग्राम पंचायत से नगरपालिका बने कई महीने हो चुके हैं, लेकिन नगरपालिका कार्यालय पर अभी तक इसका नाम अंकित नहीं किया गया है। वहीं, मानसरोवर जोहड़ स्थित किसान सेवा केंद्र और भू-अभिलेख केंद्र पर भी कार्यालयों का नाम तक नहीं लिखा गया है। सरकार द्वारा नए जिले की पहचान को स्थापित करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए थे, लेकिन नारायणपुर में इन आदेशों को लागू करने में विभागीय अधिकारियों ने लापरवाही बरती है। इससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस संबंध में बानसूर एसडीएम अनुराग हरित ने आश्वाशन दिया हैं कि जल्द ही प्रशासनिक कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों पर कोटपुतली-बहरोड़ जिले का नाम लिखवा दिया जाएगा।