शराब ठेका हटाने की मांग को लेकर पंचायत सदस्य ने डीग जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
अजय सिंह (चिंटू)
जयपुर -स्मार्ट हलचल|बावैन/बौरई, पंचायत समिति कुम्हेर, जिला डीग (भरतपुर) ग्राम पंचायत बावैन और बौरई के ग्रामीणों ने गांव की बेटियों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रशासन से बड़ा सवाल उठाया है। गांव बावैन-सैह रोड पर स्थित जाटव बस्ती के पास वर्षों से संचालित अवैध शराब गोदाम से ग्रामीण त्रस्त हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि इस गोदाम पर खुलेआम शराब की बिक्री हो रही है और नशेड़ी तत्व झुंड में बैठकर गाली-गलौज, अश्लील हरकतें और उपद्रव करते हैं। इससे महिलाओं और युवतियों को नल, कुएं और मंदिर पर जाने में भय व असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है।
बेटियों की सुरक्षा में बाधा बन रहा शराब गोदाम
पंचायत सदस्य शिवदेवी (पत्नी हरभान सिंह) ने बताया कि जिस जगह पर यह शराब गोदाम स्थित है, वहां से गांव की महिलाएं रोजाना पूजा, पानी भरने या सार्वजनिक कार्यों के लिए गुजरती हैं। लेकिन शराबियों की उपद्रवी गतिविधियों के कारण वे स्वयं को असुरक्षित महसूस करती हैं। कई बार छेड़छाड़ और अपशब्दों की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं।
कलेक्टर को सौंपा गया ज्ञापन
इस समस्या को लेकर पंचायत सदस्य ने डीग जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है और अवैध शराब ठेके को तत्काल हटाने की मांग की है। ग्रामीणों ने चेताया है कि यदि प्रशासन ने जल्द सुनवाई नहीं की तो सामूहिक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
ग्रामीणों में गहरा आक्रोश
ग्रामीणों का कहना है कि “जहां एक ओर सरकार नारी सशक्तिकरण की बात करती है, वहीं दूसरी ओर गाँवों में ऐसी व्यवस्थाएं महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुँचा रही हैं।” ग्रामीणों ने यह भी बताया कि ठेका पूरी तरह अवैध रूप से चलाया जा रहा है और न तो कोई लाइसेंस बोर्ड लगा है और न ही सरकारी निगरानी होती है।
ग्रामीणों की मुख्य माँगें:
जाटव बस्ती के पास स्थित अवैध शराब गोदाम को तत्काल हटाया जाए।
गाँव की बेटियों और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
शराबियों के उत्पात को रोकने के लिए पुलिस गश्त बढ़ाई जाए।
शराब की अवैध बिक्री और सार्वजनिक उपद्रव पर सख्त कार्यवाही हो।
पंचायत प्रतिनिधियों की अपील:
पंचायत सदस्य शिव देवी ने स्पष्ट शब्दों में कहा,
> “हमारे गाँव की बहन-बेटियाँ मंदिर, नल और कुएं तक बिना डर के नहीं जा पा रही हैं। यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे इस अवैध शराब गोदाम को तुरंत हटवाएं और गाँव की सामाजिक मर्यादा व बेटियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें।”