नई ब्रॉडगेज रेल लाईनों के लिए 150 करोड़ का आवंटन
शाहपुरा, पेसवानी
स्मार्ट हलचल/आजादी के बाद से ही रेल सेवा से महरूम रहे नवगठित शाहपुरा जिले का जहाजपुर क्षेत्र अब शीघ्र ही रेल के इंजन की सीटी की आवाज सुनाई देगी। अजमेर-कोटा रेल लाईन के लिए 15 स्टेशन-प्रस्तावित अजमेर-कोटा नई रेल परियोजना के तहत लुहारीकलां में भी रेलवे स्टेशन-प्रस्तावित है।विधायक गोपीचंद मीणा ने कहा कि इस रेल सेवा से जहाजपुर में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे वहीं औद्योगिक इकाइयां एवं व्यापारिक क्षेत्र में भी बढ़ावा मिलेगा।
नसीराबाद से सवाई माधोपुर (वाया केकड़ी, टोंक) व अजमेर-कोटा (केकड़ी,देवली) दोनों नई ब्रॉडगेज रेल लाईन बिछाए जाने के लिए बजट में करीब 150 करोड़ रुपए आवंटन हुए हैं। केन्द्र सरकार ने गुरुवार को अपने अंतरिम बजट में नसीराबाद-सवाई माधोपुर वाया केकड़ी, टोंक के लिए 100 करोड़ 1 लाख रुपए व अजमेर-कोटा के लिए 50 करोड़ 1 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अजमेर यात्रा के दौरान आश्वस्त किया था कि अजमेर-कोटा व नसीराबाद-सवाईमाधोपुर परियोजना को शुरू कराने के लिए वे अपने स्तर पर प्रयास करेंगे। गौरतलब है कि अजमेर जिले के नसीराबाद और सवाई माधोपुर जिले के चैथ का बरवाड़ा तक प्रस्तावित 165 किमी नई रेल लाइन व अजमेर-कोटा 145 किलोमीटर की योजना काफी बरसों से इंतजार था। अजमेर-सवाईमाधोपुर रेलवे लाईन के लिए राज्य सरकार की और से निःशुल्क भूमि उपलब्ध नहीं कराने और लागत की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी वहन नहीं करने के कारण रेलवे इस योजना का क्रियांवयन नहीं हो पाया है। इस योजना की घोषणा रेल बजट में की गई थी। उस समय योजना इसी शर्त पर स्वीकृत की गई थी कि निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराने के साथ लागत की आधी हिस्सेदारी का खर्चा राजस्थान सरकार उठाएगी।
अजमेर-सवाईमाधोपुर परियोजना के लिए तीन करोड़ खर्च हो चुके- इस 165 किमी रेल लाइन योजना की तैयारी पर मार्च 2020 तक करीब 3 करोड़ 13 लाख 52 हजार रुपए खर्च हो चुके हैं। इसका उल्लेख वर्ष 2021-22 के बजट के साथ जारी पिंक बुक में किया गया है। जब योजना स्वीकृत की गई थी जब इसकी लागत 436 करोड़ 85 लाख रुपए आंकी गई थी।
165 किलोमीटर है लम्बाई, 23 बनेंगे स्टेशन-नसीराबाद-सवाई माधोपुर रेल परियोजना की कुल लम्बाई 165 किलोमीटर है। इसके लिए अनुमानित 873.71 करोड़ रुपए खर्च होने थे। इसकी स्वीकृति बजट में जारी की जा चुकी है। रेल का कार्य सवाई माधोपुर के चैथ का बरवाड़ा से शुरू होकर टोंक और अजमेर जिले के कई गांवों को जोड़ेगा। अजमेर के नसीराबाद से सवाई माधोपुर के चैथ का बरवाड़ा तक 23 स्टेशन बनाए जाएंगे। इसमें चैथ का बरवाड़ा, टोंक के टोडारायसिंह का दाबडदूम्बा, बनसेरा, बरवास, टोंक का डारदाहिंद, बमोर, खेड़ा, बनेठा, सेदरी, अजमेर के नसीराबाद, लोहरवाड़ा, जसवंतपुरा, सराना, गोयला, सरवाड़, सूरजपुरा, केकड़ी, मेवदा कला, नया गांव और बघेरा शामिल है।
2016 में जारी की थी निविदा-रेल विभाग ने सर्वे की निविदा 4 फरवरी 2016 को जारी की थी। इसके बाद से अब तक सर्वे टीम ने रेल लाइन बिछाने के लिए जमीन, रेलवे स्टेशन, ब्रिज समेत अन्य की सर्वे रिपोर्ट तैयार कर ली है। सर्वे टीम के मुताबिक टोंक में सवाई माधोपुर चैराहे के समीप स्टेशन बनाया जाएगा। रेल नहीं होने से केकड़ी जिला आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है। रेल होने पर जिला विकास के पथ पर तेजी से बढ़ेगा। सबसे अधिक औद्योगिक क्षेत्र को लाभ होगा, लेकिन रेल की कमी के चलते ऐसा नहीं हो रहा है।
अजमेर-सवाई माधोपुर परियोजना पर एक नजर-
165 किमी है कुल लम्बाई
873.71 करोड़ होने थे खर्च
3 करोड़ से अधिक हुए खर्च
50 प्रतिशत हिस्सेदारी राज्य सरकार को करनी थी वहन
2016 में जारी हुई थी निविदा
अजमेर-कोटा रेल लाईन के लिए बनेंगे 15 स्टेशन-प्रस्तावित अजमेर-कोटा नई रेल परियोजना के तहत लोहरवाड़ा, जसवंतपुरा, सराणा, गोयला, सरवाड़, सूरजपुरा, कालेड़ा कृष्णा गोपाल, बाजटा, देवली, लुहारीकलां, गोकुलपुरा, नरवा, मोतीपुरा, जलंधरी सहित 15 रेलवे स्टेशन हो सकते हैं। इन स्टेशनों पर यात्रियों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी। इस दौरान 14 रेल यार्ड बनाए जाएंगे। 821 करोड़ खर्च होंगे-अजमेर-कोटा के मध्य किए गए सर्वे रिपोर्ट में 821 करोड़ 64 लाख का बजट बनाकर रेलवे बोर्ड को भेजा गया था। नया रेलवे ट्रैक बनाने के लिए 649.13 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें 457.63 हैक्टेयर खातेदारी, 110.74 हैक्टेयर वन भूमि एवं 80.76 हैक्टेयर सरकारी भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। रेलवे ट्रैक निर्माण पर 774.96 करोड़ रुपए एवं विद्युत कार्य के लिए 26.34 करोड़ रुपए व्यय होने का अनुमान है। वहीं सिग्नल एवं दूरसंचार पर 20.33 लाख रुपए खर्च होंगे। नसीराबाद से जलंधरी तक 117 ब्रिज बनाए जाएंगे। अजमेर से नसीराबाद और जलंधरी से कोटा तक मौजूदा रेल मार्ग को नसीराबाद से जलंधरी रेल मार्ग से जोड़ा जाएगा।