भीलवाड़ा, पुनित चपलोत । शहर के सुखाड़िया सर्कल के निकट रेलवे लाइन पर मिली सावरलाल की लाश को लेकर महात्मा गांधी अस्पताल से शुरू हुआ आक्रोश कलेक्ट्रेट तक जा पहुंचा, जहां समाज के लोगों सहित अन्य जनों ने धरना-प्रदर्शन कर दोषियों पर कार्रवाई और परिजनों को मुआवजे की मांग की। दिनभर चले इस घटनाक्रम के बाद मंगलवार देर शाम को प्रशासन और पुलिस ने अहम निर्णय लेते हुए दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया और मृतक परिवार को आर्थिक सहायता व नौकरी देने की घोषणा की।

सुबह से रहा आक्रोश
मंगलवार सुबह एमजीएच की मोर्चरी में सावरलाल का शव रखे जाने के बाद परिजन और समाज के लोग बड़ी संख्या में मोर्चरी के बाहर एकत्र हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि सावरलाल की मौत पुलिसकर्मियों की मारपीट और लापरवाही से हुई है। इसके बाद लोगों ने मोर्चरी के बाहर प्रदर्शन किया और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया।
मांगों पर अड़े परिजन,पोस्टमार्टम से किया इनकार
स्थिति को देखते हुए प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे, मगर परिजन तब तक शव का पोस्टमार्टम कराने को तैयार नहीं हुए जब तक दोषियों पर कार्रवाई और परिवार को सहायता नहीं दी जाती। भीड़ में महिलाएं, युवा और समाज के वरिष्ठजन सहित बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
*मोर्चरी से कलेक्ट्रेट तक पहुंचा प्रदर्शन*
दोपहर होते-होते आक्रोशित लोग शव के साथ कलेक्ट्रेट पहुंच गए और वहां भी नारेबाजी व धरना दिया। आंदोलन को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने समाज के प्रतिनिधियों से वार्ता की।
देर शाम तीन मांगों पर बनी सहमति
लंबी बातचीत के बाद प्रशासन और समाज के बीच तीन अहम बिंदुओं पर सहमति बनीः
1. प्रतापनगर थाने के दीवान रमेश चौधरी और कांस्टेबल अविनाश को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर किया गया।
2. मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
3. मृतक के छोटे भाई को संविदा पर सरकारी नौकरी दी जाएगी, साथ ही अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिलाया जाएगा।
प्रशासन की ओर से लिए गए निर्णयों के बाद समाज के प्रतिनिधियों ने धरनास्थल पर मौजूद लोगों को समझाया। इसके बाद परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी हो गए।
लाइन हाजिर हुए पुलिसकर्मी, जांच के दिए आदेश
एसपी ने बताया कि मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए दीवान रमेश चौधरी और कांस्टेबल अविनाश को लाइन हाजिर कर दिया गया है। विभागीय जांच शुरू कर दी गई है और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पूरे घटनाक्रम में सुखवाल समाज की एकजुटता और सक्रियता स्पष्ट रूप से सामने आई। समाज के वरिष्ठजनों ने प्रशासन से सख्ती से बातचीत की और परिजनों को भी शांतिपूर्ण समाधान की ओर प्रेरित किया।
अब जांच पर टिकी निगाहे
फिलहाल प्रशासनिक स्तर पर राहत मिलने के बाद अब समाज और आमजन की निगाहें पुलिस विभाग की जांच पर टिकी हैं। देखने वाली बात होगी कि इस मामले में आगे क्या निष्कर्ष सामने आते हैं।


