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रायपुर की अकबरी का स्वाद देशभर के लोगों को लुभा रहा, भारत वर्ष में केवल रायपुर में बनने वाली अकबरी मिठाई जिसके स्वाद के राजघरानों से लेकर आमजन तक दीवाने

रायपुर । यूं तो त्यौहारो पर देखने को 56 भोग मिठाई में अलग-अलग मिठाई आती है मगर ऐसी ही मिठाई खास दीपावली के मौके पर रायपुर क्षेत्र में बनाई जाती है वह भारतवर्ष में कहीं और नहीं बनाई जाती है जिसका नाम है अकबरी जो अकबरी विशेष मिठाई पुराने कालखंड से राजा ,महाराजा, सामंतों के समय काल से ही खास रायपुर क्षेत्र में ही बनती आ रही है जो क्षेत्र की एक मात्र प्रतिष्ठित मिठाई है जो दीपावली के आसपास के मात्र 20 दिनों में ही बनाई जाती है शरद पूर्णिमा के दिन से दीपावली गोवर्धन पूजा और भाई दूज तक बनती है। रायपुर के प्रसिद्ध हलवाई,शिव लाल माली, राजू, मुकेश, गौतम , राकेश सेठिया, जगदीश सेठिया, किशन दास वैष्णव, कन्हैया लाल चिपड़,शंभू सिंह रावना राजपूत,मांगी लाल माली, नारायण सुथार सहित लगभग 100 से अधिक हलवाई इस खास मिठाई को हजारों टन की मात्रा में इन दिनों में बनाते है कहते है कि दीपावली के आसपास के मौसम अनुकूल में ही यह मिठाई बनती है इसके बाद अगर बनाना चाहे तो वो स्वाद नहीं बैठता है जो इन दिनों में स्वाद होता है ऐसा स्वाद जो एक बार चख लिया तो भूल नहीं पाएंगे। अकबरी के दीवाने क्षेत्र के लोग ही नहीं अपितु पूरा राजस्थान एवं गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, सहित अन्य राज्यों में बाहर रहने वाले प्रवासी भाई पेकिंग करके पार्सल से मंगवाते है जानकारी के अनुसार दीपावली के सीजन में हजारों टन अकबरी की मिठाई बाहर प्रवासी बंधुओं के लिए जाती है। देशी घी से निर्मित मिठाई की कीमत 300 से 400 रुपए किलो बाजार के भाव रहते है। मुकेश सेठिया ने बताया कि अकबरी का इतिहास हमारी तीन तीन पीढ़ियों का रहा है अपने दादा जी, व पिता जी एवं अब हम सभी भाई अपने हाथों से बनाकर क्षेत्र के लोगों को कम लागत में इतनी शानदार मिठाई बनाते आ रहे है खाने वाले के मुंह में पानी आ जाता है। खास बात यह है कि इस अकबरी मिठाई का भाव हमेशा से आम आदमी की पहुंच में रहा है जिसके चलते आज भी यह मिठाई हर घर की शान बनी है।
*बनाने का तरीका*
अकबरी मिठाई को चावल के आटे से घी और चासनी में गुनंदा जाता है इसके आकार देने का तरीका सांभर बड़ा की तरह दिया जाता है फिर इसको देशी घी में क्रंची होने तक तला जाता है इसके बाद चासनी में डुबो दिया जाता है फिर इसको बड़े बड़े खोमचे में सजा दिया जाता है।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
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