राज्य में दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने के लिए 540 करोड़ का आवंटन
जयपुर/कोटा।स्मार्ट हलचल/राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड (आरसीडीएफ) की वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट घोषणा मंगलवार को जयपुर के राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड सभागार में संपन्न हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत, आरसीडीएफ की सीएमडी श्रुति भारद्वाज एवं पशुपालन विभाग के सचिव सुमित शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
540 करोड़ रुपये का विशाल बजट आवंटन
बजट घोषणा में प्रदेश के उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण दुग्ध और दुग्ध उत्पाद उपलब्ध कराने तथा राज्य के विभिन्न मिल्क प्लांट्स की प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ाने एवं पशुआहार संयंत्रों का विस्तार करने हेतु कुल 540 करोड़ रुपये (पांच सौ चालीस करोड़) के कार्य हाथ में लिए जाने की घोषणा की गई। यह राशि राज्य के दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कोटा डेयरी को मिली 50 करोड़ की राशि
बजट घोषणा में कोटा डेयरी के लिए प्रस्तावित बजट के अनुसार 25 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी। हालांकि, कोटा डेयरी के अध्यक्ष चैनसिंह राठौड़ के विशेष अनुरोध पर कोटा डेयरी को अतिरिक्त 25 करोड़ रुपये के लिए अनुशंसा की गई। इस प्रकार, कोटा सरस डेयरी को अपने विस्तार एवं विभिन्न योजनाओं के लिए कुल 50 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।
श्री राठौड़ ने इस अवसर पर कहा, “यह राशि कोटा सरस डेयरी के विकास और विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। हम इस धनराशि का उपयोग आधुनिक तकनीक से लैस प्रसंस्करण इकाइयों को स्थापित करने और दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार लाने में करेंगे।”साथ ही वॉटर एवं टी प्रोसेसिंग प्लांट के लिए यह राशी व्यय की जाएगी। बजट घोषणा के अनुसार, 115 करोड़ रुपये की राशि सीकर-झुंझुनू, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़, जोधपुर एवं कोटा के मिल्क प्लांट्स की प्रोसेसिंग क्षमता में वृद्धि के लिए आवंटित की गई है। प्रधानमंत्री दुग्ध सम्बल योजना में दिए जाने वाली राशि को प्रतिमाह भुगतान करने का सुझाव भी रखा। राठौड ने कहा कि किसान की आमदनी कम होती है ऐसे में उन्हे शीघ्र भुगतान किया जाए अधिक समय तक किसानों के भुगतान रूकने से उन पर आर्थिक भार पडता है। पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत, आरसीडीएफ की सीएमडी श्रुति भारद्वाज ने इस प्रस्ताव पर अपनी गंभीरता व्यक्त की और माननीय मंत्री महोदय ने शीघ्र समाधान की बात कही।
आरसीडीएफ की भविष्य की योजनाएं
पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने बजट बैठक के दौरान बताया कि इस बजट का मुख्य उद्देश्य राज्य में दुग्ध उत्पादन और प्रसंस्करण की क्षमता को बढ़ाना है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि राजस्थान के हर जिले में गुणवत्तापूर्ण दुग्ध और दुग्ध उत्पाद आसानी से उपलब्ध हों। साथ ही, हम किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।”
आरसीडीएफ की सीएमडी श्रुति भारद्वाज ने कहा कि इस बजट से राज्य के दुग्ध उत्पादक किसानों को लाभ मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। उन्होंने यह भी बताया कि बजट में विशेष रूप से पशुआहार संयंत्रों के विस्तार पर ध्यान दिया गया है, जिससे पशुओं के लिए गुणवत्तापूर्ण आहार की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।