अनिल कुमार
जिला ब्यावर
स्मार्ट हलचल|ब्यावर राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक राजस्थान शाखा का प्रादेशिक सम्मेलन 3 व 4 जनवरी 2026 को ब्यावर में आयोजित किया जाएगा। इसकी जानकारी पत्रकार वार्ता में इंटक के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश राज श्रीमाली एवं प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने दी।उन्होंने बताया कि 3 जनवरी को प्रतिनिधियों का पंजीकरण होगा, जबकि 4 जनवरी को प्रादेशिक सम्मेलन के साथ चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी। और श्रमिक महापंचायत होंगी इंटक कार्यकारिणी का कार्यकाल चार वर्ष का होता है। सम्मेलन में प्रदेश व देश के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता भाग लेंगे,जहां संगठनात्मक मजबूती,श्रमिक हितों और सामाजिक मुद्दों पर गहन मंथन किया जाएगा।
पत्रकार वार्ता के दौरान अरावली पर्वतमाला संरक्षण के उद्देश्य से तैयार किए गए पोस्टर का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री नारायण गुर्जर, ब्यावर जिलाध्यक्ष बरकत अली कुरैशी, अंबुजा इंटक महामंत्री रंजीत सिंह तथा महामंत्री सलीम काठात, राजेश शर्मा,भुवनेश शर्मा प्रमोद जैन उपस्थित रहे। इंटक के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश राज श्रीमाली ने कहा,
“राजस्थान इंटक के संस्थापक अध्यक्ष एवं स्वतंत्रता सेनानी पंडित बृजमोहन लाल शर्मा की जन्मभूमि एवं कर्मभूमि ब्यावर में श्रमिक महापंचायत आयोजित करने का निर्णय प्रदेश कार्यसमिति ने लिया है। यह आयोजन पंडित शर्मा को सच्ची श्रद्धांजलि होगा। इस महापंचायत में प्रदेशभर से हजारों श्रमिक भाग लेंगे।”
प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने केंद्र की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा,
“पिछले चार वर्षों में केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लाए गए नए लेबर कोड श्रमिक विरोधी हैं। इस अधिवेशन में इन प्रस्तावों पर गंभीर चर्चा कर श्रमिक हित में ठोस रणनीति बनाई जाएगी।”पत्रकार वार्ता में अरावली पर्वत श्रृंखला को बचाने का संकल्प भी दोहराया गया और आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन का भरोसा दिलाया गया।
इस प्रादेशिक सम्मेलन एवं श्रमिक महापंचायत में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा तथा पूर्व श्रम मंत्री एवं प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली के शामिल होंगे
सम्मेलन को लेकर इंटक नेतृत्व ने विश्वास जताया कि यह आयोजन श्रमिक अधिकारों की मजबूती, पर्यावरण संरक्षण और संगठनात्मक विस्तार की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।


