शाहपुरा – मूलचन्द पेसवानी
राजकीय कन्या महाविद्यालय, शाहपुरा में संचालित “रानी लक्ष्मीबाई केंद्र” के तहत चल रहे चार सप्ताह के आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का तृतीय सप्ताह सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। इस दौरान छात्राओं को आत्मरक्षा के शारीरिक और मानसिक दोनों पहलुओं पर गहन प्रशिक्षण प्रदान किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पुष्करराज मीणा ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज के दौर में आत्मरक्षा केवल एक कला नहीं, बल्कि जीवन की अत्यावश्यक आवश्यकता बन चुकी है। उन्होंने कहा कि छात्राओं को शारीरिक रूप से सक्षम होने के साथ-साथ मानसिक रूप से दृढ़ और आत्मविश्वासी भी बनना चाहिए ताकि वे किसी भी परिस्थिति में स्वयं की सुरक्षा कर सकें। डॉ. मीणा ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण छात्राओं में आत्मबल, जागरूकता और साहस का विकास करते हैं।
कार्यक्रम की संयोजक प्रो. प्रियंका ढाका ने बताया कि आत्मरक्षा केवल शारीरिक शक्ति का प्रदर्शन नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता, आत्मविश्वास और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता का संगम है। तीसरे सप्ताह के प्रशिक्षण में छात्राओं को पछाड़ने और गिराने की विभिन्न तकनीकों का अभ्यास कराया गया। साथ ही पकड़ से मुक्त होने की विधियों का भी व्यवहारिक प्रदर्शन हुआ। इन अभ्यासों के माध्यम से छात्राओं ने सीखा कि खतरे की स्थिति में संयम और समझदारी से स्वयं को सुरक्षित रखना कितना आवश्यक है।
प्रशिक्षण के दौरान राजस्थान पुलिस की कालिका पेट्रोलिंग यूनिट की महिला कांस्टेबलों ने छात्राओं को आत्मरक्षा की व्यावहारिक तकनीकें सिखाईं। उन्होंने कहा कि आत्मरक्षा का अर्थ किसी पर आक्रमण करना नहीं, बल्कि स्वयं की सुरक्षा के लिए जागरूक और सक्षम रहना है। छात्राओं ने उत्साहपूर्वक प्रशिक्षण में भाग लिया और तकनीकों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया।
मानसिक आत्मरक्षा के सत्र में प्रो. नीरज शर्मा ने छात्राओं को समझाया कि किसी भी आकस्मिक स्थिति में डर या घबराहट के बजाय धैर्य और विवेक से काम लेना चाहिए। मानसिक रूप से मजबूत व्यक्ति अपने आत्मविश्वास और उपस्थित बुद्धि के माध्यम से किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है।
सप्ताह के अंत में छात्राओं को स्वस्थ शरीर के लिए संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के महत्व से भी अवगत कराया गया। विशेषज्ञों ने कहा कि आत्मरक्षा का मूल आधार एक स्वस्थ शरीर और सजग मन है, इसलिए सही खानपान और अनुशासन का पालन आवश्यक है।


