शाहपुरा-पेसवानी
शाहपुरा के राजपरिवार के सदस्य और राष्ट्रीय स्तर के राइफल शूटर शत्रुजीत सिंह का शनिवार को नई दिल्ली में निधन हो गया। वे 62 वर्ष के थे। उनके निधन से शाहपुरा सहित देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। रविवार को शाहपुरा स्थित रामद्वारा में उनकी पुत्री त्रिशा सिंह ने मुखाग्नि दी। इस दौरान राजपरिवार के मुखिया जयसिंह सहित कई प्रमुख शख्सियतें, सामाजिक संगठन प्रतिनिधि, भाजपा-कांग्रेस के सदस्य और विभिन्न राजघरानों के सदस्य उपस्थित रहे।
शत्रुजीत सिंह का निधन नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में हृदयाघात के चलते हुआ था। वे वन्यजीव फोटोग्राफी में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार प्राप्त कर चुके थे। इसके अलावा, उन्होंने राइफल शूटिंग में भी देश का नाम रोशन किया था। प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने मेयो कॉलेज अजमेर से प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने कॉर्पोरेट क्षेत्र में काम किया, लेकिन अपने पूर्वजों की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए कॉर्पोरेट करियर छोड़ दिया और पर्यटन व हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान दिया।
अंतिम यात्रा रेतिया पैलेस से प्रारंभ हुई, जहाँ पर परिवारजन, मित्र एवं शहरवासियों ने शत्रुजीत सिंह का अंतिम दर्शन कर पुष्प अर्पित किए। पूरे क्षेत्र में शोक की छाया व्याप्त रही। रामनिवास धाम के कार्यवाहक भंडारी संत नवनिधराम महाराज व संत गुरूमुखराम महाराज ने भी श्रद्धाजंलि अर्पित की। राजपरिवार के मुखिया जयसिंह शत्रुजीत सिंह के भ्राता हैं।
उनके निधन से न केवल परिवारजन बल्कि समस्त शाहपुरा क्षेत्र व सामाजिक संगठन गहरे शोक में हैं। शत्रुजीत सिंह के योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। वे अपनी सादगी, सेवा भावना और समाज के प्रति निष्ठा के लिए जाने जाते थे। शत्रुजीत सिंह के पीछे उनकी पत्नी माया सिंह और पुत्री त्रिशा सिंह हैं।
आज अंत्येष्ठि में शाहपुरा बनेड़ा के अलावा देवगढ़, कोटा, कोयला, अजमेर, देवलिया, उदयपुर, जोधपुर, खामोर, रामतरा सवाईमाधोपुर सहित आस पास के राजघरानों व ठिकानों के सदस्यों ने पहुंच कर अपनी ओर से श्रृद्वाजंलि दी। आर्य समाज शाहपुरा की ओर से वैदिक मंत्रों से आहुतियां दिलायी गयी।