भीलवाड़ा । मौजूदा लोकसभा चुनाव भाजपा के लिए हर रोज एक नई मुसीबत पैदा कर रहा है। एंटी इनकंबेसी और आपसी कलह से जूझ रही भाजपा के लिए अब राजपूत समाज का विद्रोह एक नई मुसीबत लेकर आया है। दरअसल जब से गुजरात में भाजपा के मंत्री रुपाला ने राजपूत समाज का अपमान किया है, गुजरात में राजपूत समाज की स्त्रियों को अपमानित किया गया है। तब से भाजपा के विरोध की आग राजपूत समाज में जोर पकड़ने लगी है।
गुजरात से उठी विद्रोह की ये लपटें भीलवाड़ा तक भी पहुंच चुकी है और भीलवाड़ा में राजपूत समाज ने अंदरखाने प्रण ले लिया है कि चाहे जो हो जाए भाजपा को वोट नहीं देना। राजपूत समाज वह समाज है जिसने तलवार की धारों पर चलकर आत्मसम्मान कमाया है और आज जब भाजपा उनके आत्म सम्मान पर डाका डाल रही है तो राजपूत समाज चुप कैसे बैठ सकता है?
इसलिए जगह-जगह राजपूत समाज की बैठकों का आयोजन हो रहा है। लाखों की तादाद में राजपूत समाज के युवा-पुरुष-स्त्री इकट्ठे हो रहे हैं और अपने समाज के आत्म स्वाभिमान की की रक्षा के लिए भाजपा के विरोध का संकल्प ले रहे हैं। इसी हताशा में भीलवाड़ा में पिछले दिनों भाजपा की कार्यकर्ता सम्मेलन में बड़े नेताओं और विधायकों की मौजूदगी में आपस में जूते-चप्पल और थप्पड़ें चल गई।
एक तरफ भीलवाड़ा भाजपा में अंतर्कलह है; दूसरी तरफ राजपूत समाज का भाजपा को वोट न देने का पप्रण; तीसरी तरफ जनता में भाजपा को लेकर नाराजगी और चौथी तरफ सीपी जोशी का धारदार चुनाव अभियान- इन सबके बीच भीलवाड़ा में भाजपा पूरी तरह से हतोत्साहित नजर आ रही है। अब तो भीलवाड़ा के चौक चौराहा पर भी दबी जुबान में यह चर्चा होने लग गई है कि राजस्थान में तो भाजपा को भीलवाड़ा की सीट माइनस मालकर चलना चाहिए। यहां तो सीपी जोशी ने ऐसा झंडा गाड़ दिया है जो भाजपा से उखाड़े नहीं उखड़ेगा और ऊपर से राजपूत समाज के विरोध ने भाजपा के ताबूत में आखिरी कील ठोक दी है।