भीलवाड़ा । राज्य में सड़क दुर्घटनाओं की गंभीर स्थिति को देखते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित सड़क सुरक्षा समिति की नई दिल्ली में आयोजित बैठक में महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए गए. बैठक में मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार सहित यातायात सुरक्षा से जुड़े विभिन्न विभागों ने भाग लिया. न्यायालय द्वारा सड़क सुरक्षा समिति को दिए गए निर्देशों के क्रम में राज्य पुलिस महानिदेशक (प्रशासन एवं यातायात) अनिल पालीवाल ने आदेश जारी किए हैं.
पुलिस मुख्यालय से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सरकारी कार्य में लगे अधिकारी व कर्मचारी यदि दुचक्र वाहन से परिवहन कर रहे हों, तो हेलमेट का प्रयोग अनिवार्य होगा. वहीं चौपहिया वाहन से यात्रा करते समय सीट बेल्ट का उपयोग करना अनिवार्य होगा. यह व्यवस्था सिर्फ आम नागरिकों के लिए नहीं बल्कि सरकारी कार्यालयों, संस्थानों एवं उपक्रमों के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी समान रूप से लागू होगी.
इसके तहत सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि उनके कार्यालय प्रवेश द्वार पर CCTV कैमरों की स्थापना कर वाहन चालकों की निगरानी करें. जो अधिकारी/कर्मचारी यातायात नियमों का उल्लंघन करेंगे, उनके संबंध में प्रतिदिन रिपोर्ट तैयार की जाएगी. पहली बार उल्लंघन करने वालों को समझाइस देकर चेतावनी दी जाएगी, तथा पुनरावृत्ति होने पर आवश्यक विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि राज्य में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर यातायात सुरक्षा समिति की बैठक में सीट बेल्ट और हेलमेट के उपयोग को सख्ती से लागू करने पर बल दिया गया. साथ ही यह भी कहा गया कि सरकारी कर्मियों को आम लोगों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए ।
आदेश की मुख्य बातें –
-दुचक्र वाहन पर हेलमेट पहनना अनिवार्य
-चौपहिया वाहन में सीट बेल्ट का अनिवार्य उपयोग
-CCTV कैमरों से निगरानी होगी
-पहली गलती पर समझाइश, पुनरावृत्ति पर कार्यवाही
-अधिकारी और कर्मचारी उदाहरण प्रस्तुत करें
यह आदेश मुख्य सचिव, शासन सचिव, सभी विभागाध्यक्षों, पुलिस आयुक्त राजस्थान, अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (प्रशासन एवं कानून-व्यवस्था), पुलिस आयुक्त जयपुर व जोधपुर, सभी जिला पुलिस अधीक्षकों सहित विभिन्न उच्च स्तरीय अधिकारियों को भेजा गया है.राज्य सरकार ने सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए यह स्पष्ट किया है कि नियमों का पालन पहले सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारी करें, जिससे जनता में भी जागरूकता और अनुकरण की भावना विकसित हो. यह निर्देश राज्य में सुरक्षित यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है ।


