भीलवाड़ा/जहां एक और राज्य की भजनलाल सरकार अपने कार्यकाल के एक वर्ष पुर्ण होने की वर्षगांठ मनाने की तैयारी कर रही है, वहीं दूसरी ओर आज राज्य स्तर पर विद्युत विभाग के सैंकड़ों कर्मचारियों ने सरकार की नितियों को लेकर विरोध दर्ज करवाते हुए प्रदर्शन के दौर का “श्री गणेश” कर दिया है। राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के मुताबिक भजनलाल सरकार द्वारा विद्युत क्षेत्र में लगातार निजीकरण के विरोध में गुस्साए कर्मचारियों ने आज भीलवाड़ा, शाहपुरा सहित समूचे प्रदेश में धरना प्रदर्शन रैली का आयोजन कर अपना विरोध दर्ज करवाया है। इसी के साथ बिजली निगम कर्मचारियों ने काम का बहिष्कार भी किया है। जिसको लेकर दफ्तर सुने रहने के साथ कामकाज ठप्प रहा। कर्मचारियों ने धरना देकर मुख्य मार्गों से रैली निकालते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर नमित मेहता को ज्ञापन सौंपा। राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर आज विद्युत उत्पादन, प्रसारण एवं वितरण कंपनियों के कर्मचारियों ने आंदोलन का आगाज कर दिया। उन्होंने ना केवल कार्य बहिष्कार किया, वरन अधीक्षण अभियंता कार्यालय में धरना-प्रदर्शन किया। भीलवाड़ा में कृषि उपज मंडी के सामने स्थित सर्किल ऑफिस में सभी कर्मचारी आज सुबह लगभग साढ़े दस बजे से ही जुटने लगे। उन्होंने 11 बजे से धरना देना शुरू कर दिया। सरकार एवं बिजली निगम कंपनियों के प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। संघर्ष समिति के सदस्य जुम्मा काठात, नरेश कुमार जोशी प्रांतीय विद्युत मंडल मजदूर व फैडरेशन राजस्थान (इंटक) दयाराम मीणा, राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के सीताराम गुर्जर, रईस अली, पावर इंजीनियरिंग एसोसिएशन के हरिकेश मीणा, ऊर्जा लेखा कर्मचारी संगठन के नन्द किशोर कोली आदि कर्मचारी नेताओं ने संबोधित किया। कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि राज्य सरकार और विद्युत प्रशासन उनकी मांगों पर शीघ्र ध्यान देकर समाधान नहीं करता तो आंदोलन को और तेज करेंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी। एसई ऑफिस पर लगभग दो घंटे धरना प्रदर्शन के बाद सभी कर्मचारियों ने रैली निकाली। प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। वहां मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया।
“संघर्ष समिति की ये है, प्रमुख मांगे ”
राज्य सरकार विद्युत क्षेत्र में सभी प्रकार के निजीकरण को तत्काल रोके।
विद्युत कंपनियों में 50 हजार नए कर्मचारियों की भर्ती करें।
ग्रिड सब-स्टेशनों और तापीय विद्युत उत्पादन गृह का संचालन निगम कर्मचारियों के माध्यम से करें। ओल्ड पेंशन स्कीम का पूरी तरह से पालन करे।
सी.पी.एफ कटौती बंद कर जी.पी.एफ. कटौती शुरू करे।