(राजेश जीनगर, भीलवाड़ा)
जयपुर में हुई हृदय विदारक घटना ने पुरे सिस्टम को झकझोर कर रख दिया है तो सोचने पर भी मजबूर कर दिया है की आखिर सरकार और जिम्मेदारों से चूक कहां रही है। आखिर क्यों हाईवे पर डिवाइडर काटकर “मौत” के कट बनाए गए। यह कट सिर्फ राजधानी जयपुर तक ही सीमित नहीं है। नेशनल हाईवे से लेकर गांवों की सड़कों को जोड़ने वाली रोड पर तक “मौत के कट” मिल जाएंगे। जयपुर में हुई हृदय विदारक घटना से पुर्व भी देश प्रदेश में सड़कों कई ऐसी घटनाएं हुई थी, जिससे सबक लिया जा सकता था। लेकिन उन घटनाओं को कभी किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। सड़क हादसों में सरकारें मुआवजे का एलान तो करती है, लेकिन सड़क हादसों के पीछे के कारण और तह तक कभी कहीं जाती। अगर अब भी राज्य सरकारें और नेशनल हाईवे अथॉरिटी सबक लेकर हालात सुधारने के प्रयास करेगी तो शायद भविष्य में ऐसी चीख पुकार नहीं मचेगी और ना घरों में मातम पसरेगा। जयपुर में हुई घटना के विकराल रूप ले लेने व कई जानें चले जाने से सब सकते में आ गए हैं। मौके पर हुए धमाके और आगजनी से कोई अपने आपको नहीं बचा पाया तो यह मातम चीख पुकार सिर्फ सड़क तक सिमित ना होकर कई घरों तक रह रहकर मचेगी। जिसके पीछे कारण सिर्फ मौके पर हुई मौतों से नहीं जुड़ा है बल्कि उन मौतों के घर के सदस्यों, परिजनों को किसी के लौटकर आने की उम्मीद, एक माह बाद बजने वाली शहनाईयों की खुशी से भी जुड़ा है। जो देखते ही देखते मातम में बदल गई और अपनी शादी की खरीददारी कर युवक वापस उस घर तक नहीं पहुंच पाया, जहां पलकें बिछाए माता पिता अपने बेटे का इंतजार कर रहे थे। वह पिता (चालक) घर नहीं पहुंच पाया जो हर रोज सैंकड़ों लोगों को मिलों का सफर तय करवा उनको उनके गंतव्य तक पहुंचाता रहा। एक मां रोजाना डुयुटी खत्म कर सकुशल घर पहुंचती थी, लेकिन वह भी काल का ग्रास बन गई और घर पर परिजनों को चिंता सताती रही की आखिर आज कहां रह गई, लेकिन परिजन उसके साथ हुए हादसे से अंजान थे। उनको कुछ भी पता नहीं था जब तक की एक मां की मौत की ख़बर उनके कानों तक नहीं पहुंची थी। इस हृदय विदारक घटना ने घर का सिर्फ का एक-एक सदस्य नहीं खोया हैं बल्कि पुरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है। कई परिवारों और परिजनों ने सपने में कल्पना नहीं की होगी की उनके घर के किसी सदस्य का सफर उसका आखरी सफर होगा और रास्ते में ही सांसों का सफर थम जाएगा। इस विकराल घटना से सबक लेने की सख्त आवश्यकता है तो वहीं इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके प्रयास किए जाने चाहिए। राज्य व केंद्र सरकार को इस और ठोस कदम उठाने होंगे। नेशनल हाईवे अथॉरिटी को सड़कों की दुर्दशा सुधारनी होगी। हाईवे की सड़कों पर नियमानुसार कट बनाने पर जोर देना और नियम विरुद्ध कट बंद करने होंगे।