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राखी हत्याकांड में हाईकोर्ट ने पूछा-कब तक पूरी होगी जांच?Rakhi murder case & High Court

राखी हत्याकांड में हाईकोर्ट ने पूछा-कब तक पूरी होगी जांच?

भारत-नेपाल के कानूनी पेच में उलझी राखी हत्याकांड की गुत्थी!

 शीतल निर्भीक
लखनऊ।स्मार्ट हलचल/भारत और नेपाल के कानूनी पेच में उलझ गई है राखी हत्याकांड की गुत्थी। साढ़े पांच वर्ष बाद भी नहीं अभी तक नहीं सुलझ सकी है। गोरखपुर पुलिस, इंटरपोल की मदद से पोस्टमार्टम रिपोर्ट व पंचायतनामा की कॉपी हासिल करने की कई बार कोशिश कर चुकी है। हाईकोर्ट ने दो दिन पहले फिर पुलिस से केस के बारे में जानकारी मांगी तो गृह मंत्रालय को पत्र भेजा गया है।पुलिस की कोशिश है कि नेपाल से रिपोर्ट मिल जाए। इसके बाद चल रही विवेचना का निपटारा कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक शाहपुर इलाके के बिछिया में रहने वाली राजेश्वरी श्रीवास्तव उर्फ राखी एक जून, 2018 को संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई थी। भाई अमर प्रकाश ने शाहपुर थाने में चार जुलाई, 2018 को पति बिहार के वजीरगंज थाना क्षेत्र स्थित लोहगरा निवासी मनीष सिन्हा पर अपहरण का केस दर्ज कराया।

जांच में पता चला कि राखी को लेकर मनीष नेपाल गया था। तीन जून तक राखी, मनीष के साथ रही और बाद में मनीष को वापस भेज दिया। पांच जून से मनीष की राखी से बात नहीं हो पा रही थी। उसका व्हाट्सएप चल रहा था। मैसेज का वह जवाब नहीं दे रही थी। मनीष ने 24 जून को राखी के बारे में कुछ पता नहीं चलने की सूचना उसके भाई को दी तो उसने अपहरण का केस दर्ज करा दिया।

छह माह तक राखी का मोबाइल फोन चालू रहा। व्हाट्सएप और फेसबुक भी एक्टिव रहा। चार अक्तूबर, 2018 को मोबाइल फोन बंद होने पर एसटीएफ ने फोटो लेकर छानबीन की तो पता चला कि आठ जून, 2018 को नेपाल के पोखरा में उसका शव मिला था। पहाड़ से धक्का देकर उसे गिराया गया था। एसटीएफ ने सर्विलांस की मदद से जांच की तो शहर के एक सर्जन का नाम सामने आया।

ऐसे खुला था मामला डॉक्टर समेत तीन लोग गए थे जेल

21 दिसंबर 2018 को नेपाल पुलिस ने एक शव का फोटो उत्तर प्रदेश सरकार को इस आशय से भेजा कि शव भारत का हो सकता है। डीजीपी कार्यालय में फोटो गया, फिर क्या चंद सेकेंड में ही मामला खुलने लगा। डीजीपी कार्यालय में तैनात एक सिपाही ने शव की पहचान राखी के रूप में कर दी।

वह सिपाही आरोपी डॉक्टर डीपी सिंह का गनर रह चुका था। उसके बताने पर एसटीएफ को जांच का जिम्मा सौंपा गया। एसटीएफ ने जांच की और फिर डॉक्टर डीपी सिंह को उसके दो दोस्तों समेत हिरासत में ले लिया गया। पुलिस ने दावा किया कि नेपाल में ही राखी को शराब में जहर दिया गया था। फिर पहाड़ से नीचे फेंक दिया गया था। जांच में साक्ष्य मिलने के बाद एसटीएफ ने डॉक्टर और उनके दो कर्मचारियों को गिरफ्तार कर घटना का पर्दाफाश किया।

शाहपुर थाना पुलिस ने अपहरण के मुकदमे में हत्या की धारा बढ़ा दी। इस मामले की अभी तक विवेचना चल रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट व पंचायतनामा की सर्टिफाइड काॅपी नहीं मिलने से अभी तक इस केस में आरोप पत्र दाखिल नहीं हो सका है। एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि हाईकोर्ट से केस के बारे में जानकारी मांगी गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए गृह मंत्रालय को फिर से पत्र भेजा गया है। रिपोर्ट आने पर ही प्रकरण में चार्जशीट दाखिल की जाएगी।

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