अंगारों के ऊपर से नंगे पांव निकले घोड़ले:रलायता बोर बावड़ी माता के मंदिर में हुआ कार्यक्रम, शोभायात्रा भी निकाली
लक्ष्मण सिंह झालावाड़
स्मार्ट हलचल/झालरापाटन क्षेत्र के प्रसिद्ध प्राचीन रलायता बोर बावड़ी माता के मंदिर परिसर में आज शाम को मातारानी के घोड़ले (भक्त) ने अग्नि स्नान किया। इस दौरान झालरापाटन, झालावाड़ और सीमावर्ती मध्यप्रदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे। कस्बे में दोपहर 3:30 बजे हनुमान मंदिर से घोड़ले की बैंड बाजों के साथ शोभा यात्रा शुरू हुई। घोड़लों की शोभायात्रा में बोर बावड़ी माता, बगलामुखी माता और काल भैरव रूपी घोड़लों शामिल थे।
शोभायात्रा के मार्ग में आने वाले मंदिरों में घोड़लों ने धार्मिक कार्यक्रम करते हुए, बगलामुखी हनुमान मंदिर पर पहुंचे जहां परंपरा अनुसार घोड़लों को माता रूपी वस्त्र श्रृंगार और मेहंदी धारण करवाया। इस दौरान घोड़लों की शोभायात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे। इसके बाद बोर बावड़ी मंदिर पर बने एक चबूतरे (चुल) स्थान पर करीब डेढ़ क्विंटल लकड़ी से अंगारे तैयार किए गए। इसमें करीब 21 किलो सूखे नारियल(गोले) 51 किलो शुद्ध देशी घी डालकर तेज अग्नि प्रज्वलित की गई।
श्रद्धालुओं ने मातारानी के जयकारों के बीच आसमान गुंजायन मान कर दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने घोड़लों को पुष्पहार पहनाकर आरती उतार कर अग्नि स्नान के लिए विनती की। इसके बाद सभी घोड़ले बारी-बारी से आए गए। घोड़लों के अग्नि स्नान करने से पूर्व धधकते अंगारों पर शुद्ध घी सूखे नारियल कपूर डालकर और तेज अग्नि प्रज्वलित की गई। इसके बाद सभी माता रूपी घोड़ले बारी-बारी से गए। इस दौरान वहां मौजूद श्रद्धालुओं मानों कुछ पलों के लिए ठहर से गए। इसके बाद इन घोडलों ने मातारानी के मंदिर में श्रद्धालुओं के सवालों का जवाब भी दिया।
श्रद्धालुओं ने मातारानी के जयकारों के बीच आसमान गुंजायन मान कर दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने घोड़लों को पुष्पहार पहनाकर आरती उतार कर अग्नि स्नान के लिए विनती की। इसके बाद सभी घोड़ले बारी-बारी से आए गए। घोड़लों के अग्नि स्नान करने से पूर्व धधकते अंगारों पर शुद्ध घी सूखे नारियल कपूर डालकर और तेज अग्नि प्रज्वलित की गई। इसके बाद सभी माता रूपी घोड़ले बारी-बारी से गए। इस दौरान वहां मौजूद श्रद्धालुओं मानों कुछ पलों के लिए ठहर से गए। इसके बाद इन घोडलों ने मातारानी के मंदिर में श्रद्धालुओं के सवालों का जवाब भी दिया।