अशोक मधुप
इस समय राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव की तैयारी चल रहीं हैं।अयोध्या सज रहा है।पूरी दुनिया इस भव्य आयोजन को निहारने का आतुर है।दुनिया भर में बसे हिंदुओं के लिए यह गौरव का पल है।मुस्लिम काल से अब तक उनके पूर्वक अब तक मंदिर टूटते देखते आए हैं।यह हिंदुओं की वह पीढ़ी है जो विदेशी आक्रांता द्वारा अयोध्या में बनाई मश्जिद की जगह मंदिर बनता देख रही है। अयोध्या को सजता निहार रही है।उसे इंतजार है उस पल का जब इस मंदिर का 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा।इस मंदिर निर्माण और मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के माध्यम से विश्व हिंदू परिषद,राष्री य स्वयं सवेक संघ विश्व के हिंदुओं को आपस में जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उसका प्रयास है कि छोटी −मोटी आस्थाओं में फंसे हिंदू राम के नाम पर एक हो। अलग− अलग जाति और संप्रदाय में बंटे सब हिंदू भगवान राम को अपना आदर्श स्वीकारें। एकजुट रहें।
आरएसएस और संघ से जुड़े संगठनों ने राम मंदिर के निर्माण को लेकर रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए देशभर में 10 करोड़ से अधिक परिवारों को निमंत्रण देने की योजना बनाई है। उनका कहा कि हम भगवान श्रीराम के 14 वर्ष बाद अयोध्या लौटने की खुशी में दिवाली मनाते हैं। आगामी 22 जनवरी को तो वह दूसरी दीपावली होगी, जब भगवान राम 500 वर्षों के बाद, भारत की स्वतंत्रता की अमृतवेला में अपने जन्म-स्थान पर लौटेंगे। इसलिए, यह आवश्यक है कि विश्व का समस्त हिन्दू समाज इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रत्यक्ष शामिल हो।उनका कहना है कि सब रामभक्तों को तो उसी दिन अयोध्या नहीं बुलाया जा सकता। इसलिए उनका आह्वान है कि विश्व भर के हिंदू अपने मोहल्ले या गांव के मंदिर को ही अयोध्या मानकर वहां एकत्र हों। वहां की परंपरानुसार पूजा-पाठ, आराधना व अनुष्ठान करें, पूज्य संतों द्वारा दिए गए विजय महामंत्र – “श्रीराम जय राम जय जय राम” का जाप करें तथा अयोध्या के भव्य-दिव्य कार्यक्रम के सीधे प्रसारण को साक्षात देखें। आरती में अपना स्वर मिलाएं। प्रसाद बांटें और इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के प्रत्यक्षदर्शी बनकर आनंद मनाएं। विहिप कार्याध्यक्ष ने इस योजना के बारे में कहाकि कि इसी महीने 5 नवंबर को श्रीराम मंदिर में पूजित अक्षत (पीले चावल) कलश लेकर संगठन की दृष्टि से बने 45 प्रांतों में भेजे जा चुके हैं। तीर्थ क्षेत्र न्यास के आह्वान पर इस अक्षत निमंत्रण को लेकर, विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता अन्य हिंदू संगठनों के साथ मिलकर, 15 जनवरी तक , देश के नगर ग्रामों में, हिंदू परिवारों तक जाएंगे। ऐसा ही कार्यक्रम विदेशों में रहने वाले हिंदुओं के लिए भी आयोजित किया गया है। प्रत्येक परिवार को इस निमंत्रण के साथ भगवान और उनके मंदिर का पूजा में रखने लायक एक चित्र और अन्य आवश्यक जानकारियां भी दी जा रही है।उनका मानना है कि अभी तक का आकलन है कि यह आयोजन विश्व भर में पांच लाख से अधिक मन्दिरों में अवश्य होगा और करोड़ों हिंदू इसमें शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि पिछले 100 वर्षों में इस तरह का इतना बड़ा आयोजन नहीं हुआ होगा। विहिप का कहना है कि इस बार विहिप समाज के पास कुछ मांगने नहीं जा रहा है इसलिए इस कार्य में जुटी टोलियां या कार्यकर्ता कोई भी भेंट, दान या अन्य सामग्री स्वीकार नहीं करेंगे।
विहिप ने यह भी कहा कि 1984 से चले मुक्ति अभियान में लाखों हिंदुओं की सहभागिता रही है। अनेक मुक्ति योद्धा बलिदान भी हुए हैं या अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनके भी परिवार, उनके स्वप्न की इस पूर्ति को देखना चाहते हैं। विहिप ने देश को 45 भागों में बांटकर प्रत्येक भाग के लिए 27 जनवरी से 22 फरवरी के बीच में उस भाग के लिए निश्चित दिन अयोध्या पधारने का निवेदन किया है। ऐसे लगभग एक लाख लोगों के दर्शनों की व्यवस्था की गई है।विहिप ने यह भी आह्वान किया कि 22 जनवरी की पुण्यरात्रि को प्रत्येक हिंदू परिवार कम से कम पांच दीपक अवश्य जलाए और उसके बाद किसी भी दिवस को सपरिवार, ईष्ट-मित्रों सहित अयोध्या दर्शन हेतु पधारें। विश्व हिंदू परिषद को विश्वास है कि भगवान राम का यह मंदिर विश्व में हिंदुओं में समरसता, एकत्व व आत्मगौरव का संचार करेगा और भारत को परम वैभव की ओर ले जाने के लिए एक राष्ट्र मंदिर बन कर उभरेगा।
इसी के अनुपालन में विहप और संघ के कार्यकर्ता ढोलक घंटे और घडियाल बजाते, राम भजन गाते घर −घर जा रहे हैं।उन्हें राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण के लिए पीले चावल और निमंत्रण पत्रक भेंट कर रहे हैं। उनसे कह रहे है कि 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अपने घर और आसपास के मंदिर को संजाए। दीप जलांए। दीपावली मनांए। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का लाइव प्रसारण देखें। इन कार्यकर्ताओं को आदेश है कि यह कार्य वाल्मीकि , दलित और आदिवासी बस्ती से प्रांरभ करें। प्रत्येक हिंदू के घर जाए। उन्हें आमंत्रण दें। ऐसा ही हो रहा है।
भगवान राम ने उत्तर से दक्षिण तक पूरे देश को एक जुट करने का बड़ा कार्य किया था। सीताहरण के बाद उत्तर से लेकर दक्षिण तक के सर्व समाज को अपने साथ जोड़ा था। दक्षिण के आदिवासी,वनवासी ,पिछड़े गुफाओं में रहने वाले भील आदि को अपने साथ लिया था। उन्होंने देश को एकीकरण के लिए बड़ा काम किया किंतु कुछ हिंदुओं के के प्रयास से वह आगे नही चला। हमने राम के साथ युद्ध के साथी रहे आदिवासी, वनवासी ,भील और अन्यों का बंदर, भालू कहकर उपहास उड़ाया। उन्हें समानता और बराबरी का दर्जा नही दिया। काश भगवान राम का मन्तव्य समझकर उसे आगे बढ़ाया गया होता तो देश उत्तर दक्षिण, में ना बंटा होता।
उस पुरानी गलती को विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अब दूर करने में लगा हैं। राम मंदिर के लिए सभी ने बलिदान दिया है, चाहे वह सिख हो, जैन हो या बौद्ध, वाल्मिकी हो या दलित। भगवान राम सभी हिंदुओं के आदर्श और पूज्य रहे हैं। सबके मन मे उनके लिए आस्थाएं हैं। विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ इन आस्थाओं को उभार कर हिंदू समाज को एकजुट कर रहा है। उन्हें एक मंच पर ला रहा है।
ढांचा गिरने के बाद से बहुत ने राम मदिर निर्माण के लिए सकल्प लिए थे। कोई नंगे पांव रह रहा था तो किसी ने अपने बाल नही कटाए थे।झारखंड की एक महिला तभी से मौनवृत पर हैं। बहुतों के अपने वृत और अपने− अपने संकल्प है। अब सबके वृत औंर संकल्प पूरे होने का दिन नजदीक है। ऐसे में सब प्रसन्न हैं। 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद वह सब अपने− अपने संक्ल्प को विदा कहेंगे।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूरी दुनिया में उत्साह है। अमेरिका के टाइम्स स्कवायर में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई है।अमेरिकी समुदाय के हिंदुओं ने राम मंदिर के लिए हयूटन में कार रैली निकाली। पूरी दुनिया के हिंदुओं में उत्साह का माहौल है। सब राम मंदिर से जुड़े नजर आ रहे हैं। आज राम और हनुमान को जानने की लोगों में इतनी उत्सुकता है कि हिंदुओं की धार्मिक पुस्तक छापने वाली गीता प्रेस इतनी पुस्तक नही छाप पा रहा , जितनी मांग है राम चरित्र मानस की तीन माह में 5.27 लाख प्रति विभिन्न भाषांओं में छपी। हनुमान चालिसा की 13.50 लाख प्रतियां छपी। सब बिक गईं। मामूली प्रतियों ही बची है।आरती संग्रह की तीन लाख प्रतियों की मांग है। गीता प्रेस मांग के अनुरूप पुस्तके नही छाप पा रहा। उसने हाथ खड़े कर दिए।
प्रदेश सरकारें इस अवसर को और भव्य बनाने में लगी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में में 22 जनवरी को शिक्षण संस्थाएं और शराब की दुकान बंद करने के निर्देश दे दिए हैं। इसी तरह के निर्देश और जगह भी होने की सूचनांए हैं। अयोध्या आकर राम जन्म भूमि के दर्शन का हिंदुओं में भारी उत्साह है।22 के लिए पहले ही होटल और धर्मशालाएं बुक हो गए थे,किंतु 22 को वीवीआईपी के आगमन को और उनकी सुरक्षा को देखते हुए ये रिजर्वेशन कैंसिल कर दिए गए हैं।उम्मीद है कि 22 को 100 से ज्यादा विमान अयोध्या आएंगे।अयोध्या दुनिया भर के हिंदुओं का जल्दी ही भव्य तीर्थ बनेगा, ऐसी उम्मीद है।उम्मीद है कि यहां बना अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट जल्द ही विश्व के व्यस्ततम एयरपोर्ट में शामिल हो जाएगा। ये भी उम्मीद है कि विहिप और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सभी हिंदुओं को राम मंदिर और राम आस्था से जोड़ने में सफल हो जाएंगे।