रामचरितमानस बनी विश्व धरोहर, UNESCO ने दी मान्यता,Ramcharitmanas World Heritage
UNESCO Ramcharitmanas: राम चरित मानस, पंचतंत्र और सहृदयलोक-लोकन को ‘यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया-पैसिफिक रीजनल रजिस्टर’ में शामिल किया गया है/भारतीय साहित्य और संस्कृति की पहचान रामचरितमानस, पंचतंत्र और सहृदयलोक-लोकन को यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया-पैसिफिक रीजनल रजिस्टर में सम्मिलित किया गया है। जो देश के लिए एक गौरव का पल है
गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस और पंचतंत्र की कथाओं को अब पूरी दुनिया में मान्यता मिल गई है। रामचरितमानस की सचित्र पांडुलिपियां और पंचतंत्र दंतकथाओं की 15वीं शताब्दी की पांडुलिपि को यूनेस्को ने अपने ‘मेमोरी आॅफ द वर्ल्ड रीजनल रजिस्टर’ में स्थान दिया है। 2024 के संस्करण में एशिया पैसिफिक की 20 धरोहरों को शामिल किया गया है, जिनमें रामचरित मानस और पंचतंत्र के साथ ही सहृदयालोक-लोकन की पांडुलिपि भी है।