फोन पर हुई बातचीत में पीड़िता से कहा गया कि अन्य आरोपियों को छोड़कर सिर्फ दो का नाम ले. विवेचक अशोक कुमार पर परिजनों ने और भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने बताया कि इंस्पेक्टर ने आरोपियों से साठगांठ कर बयान को पीड़िता के अनुसार नहीं लिखा. पीड़िता को बार-बार पूछताछ के नाम पर फोन कॉल से परेशान किया गया. अदालत में चार्जशीट दाखिल होने पर पता चला कि रेप पीड़िता और गवाहों के बयान को इंस्पेक्टर ने गलत दर्ज किया.
गुन्नैर थाने में तैनात क्राइम इंस्पैक्टर अशोक कुमार ने पीड़िता से मेडिकल के बहाने गंदी बातें कीं. इतना नहीं उसने रेप पीड़िता पर वॉट्सऐप काल से बात करने का भी दबाब बनाया. जिससे कि उन दोनों की बातचीत की रिकार्डिंग न हो सके. वहीं पीड़िता ने हिम्मत दिखाते हुए इंस्पेक्टर की शर्मनाक हरकत की रिकार्डिंग की है. जो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. ये मामला संज्ञान में आने के बाद एसपी ने आरोपी इंस्पैक्टर को सस्पेंड कर मामले की एएसपी को जांच सौंपी है.