ओम जैन
शंभूपुरा। स्मार्ट हलचल/वैसे तो अब युवाओं में जागरूकता के चलते कई रक्तदाता स्वेच्छिक़ रक्तदान करने लगे है लेकिन कभी कभी ऐसा दुर्लभ ग्रुप उपलब्ध नही होना रक्तवीरो कि भागदौड़ बढ़ा देता है फिर भी रक्तवीर ऐसे मामलों में पूरा प्रयास कर मरीज को समय पर रक्त उपलब्ध करवाने में जुट जाते है। ऐसा ही एक मामला गुरुवार को सामने आया।
डॉ भीमराव अंबेडकर ब्लड फाउंडेशन के संस्थापक मनोज कुमार बैरवा ने बताया कि बेगू निवासी 19 वर्षीय संगीता रैगर जो कि 6 महीने की प्रेगनेंसी के कारण काफी दुख सह रही थी जिसे आपात्कालीन स्थिति में उदयपुर रेफर किया, रात के करीब 3:40 बजे संस्था के संस्थापक मनोज कुमार बैरवा को सूचना मिली कि वहां पर गर्भ में ही बच्चे की मृत्यु होने के कारण महिला के शरीर में केवल 2 प्वाइंट रक्त रह गया और सबसे हेरानी की बात की महिला के अंदर बोंबे ब्लड पाया गया इसके पक्ष में पूरे राजस्थान व गुजरात में बॉम्बे ब्लड नहीं था डॉ. और परिजनो ने हाथ खड़े कर दिए थे लेकिन संस्था ने परिवार को हौसला दिया, डॉ. से बात करने के बाद बिजयपुर निवासी रक्त सेवक दिनेश वैष्णव से संपर्क हुआ फिर उन्होंने सुबह 4 बजे तुरन्त कॉल उठाकर ब्लड की व्यवस्था में लग गए। इस बीच महिला को अहमदाबाद रेफर किया गया, दिनेश वैष्णव बिजयपुर की सहायता से दो राज्य में नही मिल पाने वाला दुर्लभ ब्लड मुंबई से बॉम्बे ब्लड ग्रुप की प्राप्ति हुई और महिला की जान बचा ली गई। महिला फिलाल सकुशल है।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर ब्लड फाउंडेशन ने दिनेश वैष्णव एव महाराष्ट्र से सहयोगी रहे विक्रम यादव का आभार जताया।