रायपुर 4 सितंबर । स्थानीय महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत राष्ट्रीय वन्यजीव दिवस कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनएसएस प्रभारी एवं प्राचार्य राकेश कुमार गोरा ने राष्ट्रीय वन्यजीव दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में बताते हुए कि राष्ट्रीय वन्यजीव दिवस की स्थापना 2005 में कोलीन पैगे ने की थी, जो एक पशु व्यवहार विशेषज्ञ और परोपकारी व्यक्ति थे। यह दिन मूल रूप से 4 सितंबर को मनाया जाना तय किया गया था। 2006 में उनकी मृत्यु के बाद वन्यजीव संरक्षणवादी स्टीव इरविन की स्मृति को सम्मानित करने के लिए भी इसे चुना गया था। राष्ट्रीय वन्यजीव दिवस का प्राथमिक लक्ष्य वैश्विक स्तर पर वन्यजीवों के सामने आने वाले दबावपूर्ण मुद्दों के बारे में जागरुकता बढ़ाना है। इनमें मानवीय गतिविधियों और पर्यावरणीय परिवर्तनों के कारण कई प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा शामिल है। यह वन्यजीवों के संरक्षण के लिए स्थानीय और वैश्विक प्रयासों का समर्थन करने के लिए कार्रवाई का आह्वान करता है, जैव विविधता के महत्व और प्राकृतिक आवासों की रक्षा के लिए स्थायी प्रथाओं की आवश्यकता पर जोर देता है।
इस अवसर पर स्थानीय महाविद्यालय के सहायक आचार्य महावीर सिंह एवं भैंरुलाल सेन ने छात्रों को संबोधित करते हुए पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन का आह्वान किया तथा पर्यावरण संरक्षण के ऐतिहासिक तथ्यों को छात्रों के साथ साझा किया। कार्यक्रम में स्थानीय महाविद्यालय के विद्यार्थी, एनएसएस के स्वयंसेवक तथा स्थानीय महाविद्यालय का स्टाफ उपस्थित रहा।