नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग आज यानी शुक्रवार को समाप्त हो गई है. इस बैठक में आरबीआई के नवनियुक्त गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुवाई वाली 6 सदस्ययी टीम ने बजट 2025 के बाद बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय बैंक ने कोरोना महामारी के दौरान साल 2020 के बाद यानी करीब पांच साल बाद रेपो रेट में कटौती का ऐलान किया है. जिससे कर्जदारों को ईएमआई पर बड़ी राहत मिलेगी । भारतीय रिजर्व बैंक ने मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग में रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती का फैसला लिया है, जिसका पहले से अनुमान लगाया जा रहा है. जिसके बाद रेपो रेट 25 बेसिक प्वाइंट्स घटकर 6.25 प्रतिशत हो गया है. दर का यह निर्णय सरकार की ओर से खर्च बढ़ाने और विकास को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्रीय बजट में व्यक्तिगत इनकम टैक्स रेट्स में कटौती के तुरंत बाद आया है. जिससे आम आदमी को बड़ी राहत मिलेगी । RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि कमेटी ने तटस्थ रुख बनाए रखने का फैसला किया है.इससे पहले, RBI ने लगातार ग्यारह बैठकों के लिए रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा था. इस दर में कटौती से मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखते हुए आर्थिक विकास को समर्थन मिलने की उम्मीद है. आर्थिक स्थितियों का आकलन करने के लिए RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की 5 फरवरी से 7 फरवरी तक बैठक हुई थी । मल्होत्रा ने कहा, “एमपीसी ने फिर से सर्वसम्मति से तटस्थ रुख जारी रखने और लक्ष्य के साथ मुद्रास्फीति के टिकाऊ संरेखण पर स्पष्ट रूप से ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है। संक्षेप में, एमपीसी ने उल्लेख किया कि मुद्रास्फीति में कमी आई है, खाद्य पर अनुकूल दृष्टिकोण और पिछली मौद्रिक नीति कार्रवाई के निरंतर प्रसारण से समर्थित है, 2025-26 में धीरे-धीरे लक्ष्य के साथ संरेखित होने की उम्मीद है.” मौद्रिक नीति समिति ने वित्त साल 2025-26 की पहली तिमाही में 6.7 जीडीपी ग्रोथ का अनुमान जताया है, जबकि दूसरी तिमाही में 7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत और फाइनेंशियल ईयर की चौथी तिमाही में 6.5 प्रतिशत जीडीपी विकास दर रहने की उम्मीद है.