भीलवाड़ा। विधायक अशोक कोठारी ने विधानसभा सत्र के दौरान राज्य में हलाल सर्टिफाइड के नाम से सामग्रियाँ बेचने पर प्रतिबंध होना चाहिए की पुरजोर तरीके से सदन में मांग उठाई। मीडिया प्रभारी पंकज आडवाणी ने बताया कि, राजस्थान में हलाल सर्टिफाइड खाद्य उत्पादों पर प्रतिबंधित लगाने की मांग विधानसभा में की। सरकार भारत सरकार द्वारा FSSAI एवं FDA ही अधिकृत खाद्य सर्टिफाइड संस्थाएँ हैं, वर्तमान में इनके मानक के अलावा शाकाहारी व अन्य उत्पादों पर हलाल सर्टिफिकेट लगाकर उत्पाद बेचे जा रहे हैं। हलाल सर्टिफिकेशन भारत में 3 निजी एजेंसियों द्वारा दिये जाते हैं- यह एजेंसियाँ हैं जमीयत उलेमा-ए-हिंद, जमीयत उलेमा-ए-महाराष्ट्र और हलाले सर्टिफिकेशन इण्डिया।
जिसमें जमीयत उलेमा-ए-हिंद राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त मुस्लिम आतंकवादियों के संरक्षण में मदद कर रही है।हलाल सर्टिफिकेशन एक समानान्तर अर्थव्यवस्था को जन्म दे रहा है, क्योंकि उक्त सर्टिफिकेशन में एक शर्त यह भी है कि इसको इस्लाम को मानने वाला व्यक्ति ही तैयार करता है। इससे हिन्दु समाज की वह जातियाँ, जिनका पुश्तैनी मांसाहार का कार्य है, उक्त सर्टिफिकेट के कारण बेरोजगार होते जा रहे हैं। अगर ऐसे सर्टिफिकेट के उत्पादों की बिक्री बंद नहीं की गई तो कल अन्य धर्म के धर्मावलम्बी भी अपने धर्म विशेष के नाम से उत्पादों की बिक्री पर जोर देंगे जो कि समाज में वैमनस्यता पैदा करेगा। यही कारण है कि उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा मांसाहार के अलावा उत्तरप्रदेश में हलाल सर्टिफिकेट के अन्य खाद्य सामग्रियों को बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। राज्य में विक्रय की जा रही ऐसी सामग्रियाँ जो मांसाहार की श्रेणी में नहीं आती, उनको हलाल सर्टिफाइड के नाम से बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया जाये।