बिन्टू कुमार
नारायणपुर |स्मार्ट हलचल|राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है, जिसका खामियाजा होनहार विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। कोलाहेडा मोड़ स्थित साइंस गुरुकुल स्कूल की कक्षा 10वीं की छात्रा काजल गुवारिया पुत्री बिन्टू कुमार (पत्रकार) को बोर्ड द्वारा घोषित प्रारंभिक परिणाम में 86.50 प्रतिशत अंक मिले थे। लेकिन जब उसने संस्कृत और विज्ञान विषय में पुनर्मूल्यांकन कराया तो बड़ा बदलाव सामने आया। संस्कृत विषय में काजल के कुल 26 अंक बढ़े और उसके अंक 95 हो गए। इस सुधार के साथ उसका कुल परिणाम 86.50 प्रतिशत से बढ़कर 90.83 प्रतिशत हो गया। वर्तमान में काजल बाल भारती उच्च माध्यमिक विद्यालय में अध्ययनरत है। उसकी यह सफलता केवल अकादमिक उपलब्धि नहीं बल्कि संघर्ष की प्रेरक कहानी भी है। दो साल पहले मां के निधन के बाद घर की पूरी जिम्मेदारी काजल के कंधों पर आ गई। छोटे भाई की देखरेख, रसोई का काम और घर की व्यवस्थाओं का संचालन करते हुए उसने पढ़ाई को जारी रखा। किसी भी निजी या शैक्षणिक सहायता के अभाव में भी काजल ने हार नहीं मानी और पढ़ाई को प्राथमिकता दी। विद्यालय निदेशक विजेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि काजल शुरू से ही मेधावी रही है, लेकिन पिछले दो वर्षों में जिस तरह से उसने कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए पढ़ाई की, वह वाकई अविश्वसनीय है। देर रात तक जागकर पढ़ाई करना और घरेलू कामकाज के बीच संतुलन बनाना उसके लिए रोजमर्रा की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका था। काजल की इस उपलब्धि ने न केवल उसके परिवार का बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। उसकी संघर्षमयी सफलता ने यह साबित कर दिया है कि परिस्थितियाँ चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, मजबूत इरादे और मेहनत से हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।


