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अजमेर के मार्बल और ग्रेनाइट को मिलेगी नई पहचान

युवाओं के लिए बढ़ेंगे रोजगार के अवसर, विकास को मिलेगी गत

दिलखुश मोटीस

स्मार्ट हलचल|केकड़ी(अजमेर)राजस्थान सरकार द्वारा राज्य में औद्योगिक विकास और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक जिला एक उत्पाद नीति 2024 (ओडीओपी) लागू कर दी गई है। इस नीति के तहत हर जिले को एक प्रमुख उत्पाद सेे जोडा गया है। इससे उस उत्पाद की पहचान, प्रोडेक्शन और मार्केटिंग को बढ़ावा मिलेंगा। अजमेर जिले को इस योजना में मार्बल और ग्रेनाईट उत्पाद के लिए चुना गया है।
ओडीओपी नीति 31 मार्च 2029 तक लागू रहेगी। इस दौरान अजमेर जिले में मार्बल और ग्रेनाईट से जुड़े व्यक्तियों को विशेष लाभ दिए जाएंगे। इससे न जिले की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलने के साथ स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।

सालाना होता है 6000 करोड़ का टर्नओवर
अजमेर में मार्बल और ग्रेनाईट से जुड़ी करीब 800 फैक्टि्रयां चल रही है। इन फैक्टि्रयों में मार्बल की स्लेब्स, टाइल्स बनाने, उन्हें पॉलिश करने और मार्बल ग्रेनाईट के सजावटी समान (आर्टिकल्स) बनाने का काम होता है। इन सभी यूनिट्स में करीब 8650 करोड़ रूपये का निवेश हुआ है। इससे लगभग 44 हजार लोगों को रोजगार मिला हुआ है।
यहां बना माल सिर्फ भारत के साथ इंग्लेड, अमेरिका, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, चीन, यूरोप आदि देशों और अरब देशों समेत करीब 14-15 देशों में भेजा जाता है। इन सभी यूनिट्स का सालाना कारोबार करीब 6000 करोड़ रूपये है। हर महीने यहां करीब 450 कंटेनर बाहर भेजे जाते है। इसमें लगभग 28 टन माल होता है।
मार्बल के बड़े-बड़े ब्लॉक इटली, आस्ट्रेलिया वियतनाम और टर्की जैसे देशों से मंगवाए जाते है। यहां उन ब्लॉक्स की प्रोसेसिंग करके उन्हे तैयार (फिनिश गुड्स) और नकली (आर्टिफिशियल) मार्बल प्रोडक्ट्स के रूप में बाहर भेजा जाता है।

ओडीओपी योजना क्या है?
एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना का मकसद यह है कि हर जिले के किसी एक खास उत्पाद को चिन्हित कर उसका प्रोडक्शन वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग किया जाए। इससे जिले की आर्थिक तरक्की तो होती है साथ ही उस उत्पाद को राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पहचान भी मिलती है।
अजमेर का मार्बल और ग्रेनाईट दुनिया भर में मशहूर है। यहां के पत्थरों की क्वालटी डिजाइन और मजबूती के कारण इनकी डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक इन्हें ओडीओपी के तहत शामिल कर लिया गया है। तो उनके व्यापार में नई रफ्तार आने की उम्मीद है।

किन्हें मिलेगा लाभ?
जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र के महाप्रबंधक श्री डी. के. शर्मा ने जानकारी दी कि ओडीओपी योजना के तहत केवल उन्हीं उद्योगों और व्यवसायों को लाभ मिलेगा जो एसएसओ पोर्टल पर पंजीकरण कराएंगे। इसके लिए सरकार ने ऑनलाईन आवेदन प्रोसेस शुरू की है। जहां पर संबंधित यूनिट को अपनी डिटेल भरकर रजिस्ट्रेशन करना होगा।
महाप्रबंधक श्री डी. के. शर्मा ने बताया कि जिन इकाईयों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। वे जल्द से जल्द करें ताकि उन्हें योजना के तहत मिलने वाले लाभों से वंचित न रहना पड़े। साथ ही एक मजबूत डाटाबेस भी तैयार हो सकेगा। इससे सरकार को नीति के बेहतर क्रियान्वयन में मदद मिलेगी।

क्या-क्या मिलेगे लाभ?
ओडीओपी योजना के अंतर्गत कई प्रकार की सुविधाएं और सहायता दी जाएगी। इसमें मार्जिन मनी अनुदान- नए छोटे ओडीओपी उद्यमों को 25 प्रतिशत अनुदान (अधिकतम 15 लाख रूपये), नए लघु ओडीओपी उद्यमों को 15 प्रतिशत अनुदान (अधिकतम 20 लाख रूपये), महिला एससी, एसटी, दिव्यांग, युवा उद्यमियों को 5 लाख रूपये का अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा।
इसके साथ मार्केटिंग सहायता- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मेलों, एग्जीबिशन में भाग लेने वाले 75 प्रतिशत स्टॉल रेन्ट अनुदान और आने-जाने के लिए अधिकतम 2 लाख रूपये की मदद दी जाएगी। मानक प्रमाणन (Quality Certification)-राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्वालिटी सर्टिफिकेट BIS Intellectual Property rights ¼IPR½ के लिए खर्च पर 75 प्रतिशत (अधिकतम 3 लाख रूपये) तक की पुनर्भरण सहायता दी जाएगी। टेक्नोलॉजी सॉफ्टवेयर सहायता- राष्ट्रीय संस्थानों से एडवांस्ड टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर अधिग्रहण के लिए खर्च पर 50 प्रतिशत (अधिकतम 5 लाख रूपये) की मदद दी जाएगी। साथ ही ब्रांडिंग और पैकेजिंग- ई कॉमर्स प्लेटफार्म फीस का 2 साल तक 75 प्रतिशत (एक लाख रूपये हर साल) तक पुनर्भरण, कैटलॉगिंग और ई-कॉमर्स वेबसाइट के खर्च का 60 प्रतिशत 75 हजार रूपये एकमुश्त मदद दी जाएगी।

स्थानीय उद्योगों को मिलेगा बढ़ा फायदा
अजमेर में बड़ी संख्या में मार्बल और ग्रेनाईट की खदानें और प्रोसेसिंग यूनिट्स है। इन इकाईयों को अब सरकारी योजना का सीधा लाभ मिलेगा। उन्हें अपने उत्पादों को बेहतर ढंग से बाजार तक पहुंचाने में मदद मिलेगी बल्कि मजदूरों, कारीगरों और परिवहन व्यवसासियों को भी नए अवसर मिलेंगे।
युवाओं को मिलेगा रोजगार ओडीओपी योजना का बड़ा उदेश्य स्थानीय रोजगार को बढ़ाना भी है। अजमेर में मार्बल और ग्रेनाइट से जुड़ी यूनिटों के बढ़ने से युवाओं के लिए नौकरी और स्वरोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
अजमेर के लिए यह एक बड़ा मौका है कि वह अपने प्राकृतिक संसाधनों का सही इस्तेमाल कर सकें। योजना ओडीओपी नीति के तहत मार्बल और ग्रेनाईट उद्योग को जो बढ़ावा मिलेगा, उससे न केवल जिले की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी बल्कि युवाओं को भी अपने ही जिले में काम करने का अवसर मिलेगा। यदि उद्यमी और व्यापारी समय पर योजना में रजिस्ट्रेशन कराएं और सरकार की मदद का सही इस्तेमाल करे तो अजमेर आने वाले सालों में मार्बल और ग्रेनाइट के लिए एक अंतराष्ट्रीय ब्राण्ड बन सकता है।

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