धनराज भंडारी
सुनेल 31 अगस्त ।
स्मार्ट हलचल/करीब 30 साल बाद शिया दाऊदी बोहरा समाज के धर्मगुरु डॉ. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन के रविवार को सुनेल आने वाले है। जिसको लेकर सुनेल सहित आसपास के बोहरा समाज के लोगों में खुशी के साथ जबरदस्त उत्साह है। जानकारी के अनुसार धर्मगुरु के सुनेल में करीब 5 दिन रुकने की संभावना है इन दिनों में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे । समाज का हर कोई व्यक्ति इन दिनों तैयारी को लेकर व्यस्त है। वही बाहर से आने वाले मेहमानों को कोई तकलीफ ना हो इसकी तैयारी के लिए बखूबी दिन-रात मेहनत करने में लगे हुए हैं। हालत यह है कि सुनेल में बोहरा समाज के करीब 40 प्रतिशत घरों व बंगलो में बरसों से ताला लटका हुआ था जो अब मेहमानों के लिए खोल दिए गए हैं मकान को पूरी तरह से रंग रोगन कर तैयार कर सजावटी लाइटे लगाई गई है। हालत है कि सुनेल सहित आसपास के टेंट हाउस के रजाई -गद्दे ,तकिये ,कूलर -पंखे सभी बुक कर लगा दिए है। इनकी और आवश्यकता है लेकिन मिल नहीं रहे हैं। बाहर बड़े शहरों से टेंट हाउस के समान मंगाए गए हैं।
मेहमान बड़े महानगरों व देश विदेश से आये हैं-
अपने धर्म गुरु के एक झलक पाने उनके विभिन्न कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए समाज के लोग सुनेल के आसपास सहित मुंबई, नासिक, नागपुर,इंदौर, अहमदाबाद जैसे महानगरों के साथ विदेश में दुबई ,अबू धाबी, शारजाह, लंदन, यूएसए से बड़ी संख्या में लोग आए हैं।
सुनेल सहित आसपास के सभी बिल्डिंग , होटल हुए फूल-
धर्मगुरु के विभिन्न कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए आए मेहमानों के लिए सुनेल की सभी बिल्डिंग , होटल व सुनेल के आसपास की भवानी मंडी, झालरापाटन ,झालावाड़ भी सभी होटल व बिल्डिंग में बुक हो गई है।
बिना पास के एंट्री नही-
धर्मगुरु डॉ. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन के विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करने के लिए स्थानीय बाहर से आये मेहमानों व अन्य काम करने वाले लोगों की आईडी बनाई गई है। जानकारी के अनुसार धर्मगुरु के कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए बिना आई डी के एंट्री नहीं मिलेगी।
नई पीढ़ी को पहली बार देखने को मिल रही है पैतृक जगह-
बोहरा समाज के सुनेल निवासी जो बरसो पहले जो भारत के बड़े महानगरों एवं देश-विदेश में बस गए हैं जिनके मकान पर बरसों से ताला लगा हुआ है वह अब धर्मगुरु के कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए सुनेल आए हुए हैं जिनकी नई पीढ़ियों के लोगों ने तो सुनेल को कभी देखा भी नहीं था वह यहां का वातावरण व अपने पुराने घर को पहली बार देखकर देखकर खुश व उत्साहित है।
40 हजार से अधिक समाज बंधु आने की संभावना-
कस्बे के कई बाहर रहने वाले ओर कही अलग-अलग शहरों व विदेश से लगभग – तीस से चालीस हजार से अधिक समाजबंधुओं के आने की संभावना है।