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माइड्रिकेयर एक्सएल पीएफएस के साथ टोरिक फेकिक लैन्स सर्जरी द्वारा माईनस 7 नम्बर का चश्मा हटा

कोटा।स्मार्ट हलचल|नेत्र विज्ञान के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की गई जब कोटा स्थित सुवि नेत्र चिकित्सालय एवं लेसिक लेज़र सेन्टर में ड्रॉप-लेस टोरिक फेकिक लेंस सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। यह अभिनव सर्जरी नेत्र सर्जन डॉ. सुरेश पाण्डेय द्वारा 29 जुलाई 2025 को आकांक्षा सोनी की बायीं आंख में की गई, जिनका मायनस 7 नंबर का चश्मा लंबे समय से एक चुनौती बना हुआ था। इस सर्जरी की विशेषता यह रही कि सम्भवतः विश्व में पहली बार टोरिक फेकिक लेंस सर्जरी के दौरान पुतली को फैलाने के लिए ‘माइड्रिकेयर एक्सएल पीएफएस सॉल्यूशन’ का उपयोग किया गया, जिससे पारंपरिक डायलटिंग आई ड्रॉप्स की आवश्यकता समाप्त हो गई।

माइड्रिकेयर एक्सएल पीएफएस सॉल्यूशन में ट्रॉपिकामाइड, फिनाइलएफ्रिन और लिग्नोकेन हाइड्रोक्लोराइड सम्मिलित हैं, जो तत्काल ऑपरेशन के दौरान पुपिलरी डाइलेशन के साथ-साथ इन्ट्राकैमरल एनेस्थीसिया भी प्रदान करते हैं। नेत्र सर्जरी के दौरान पारंपरिक ट्रॉपिकासिल जैसे ड्रॉप्स की जगह इस प्रीफिल्ड इन्ट्राकुलर सॉल्यूशन का प्रयोग किया गया, जिससे न केवल समय की बचत हुई बल्कि प्रक्रिया अधिक सटीक, सुरक्षित और रोगी के लिए सुविधाजनक बन गई।

नेत्र सर्जरी में केयर ग्रुप द्वारा निर्मित अत्याधुनिक टोरिक फेकिक लेंस का उपयोग किया गया जिसे आंख की आइरिस और प्राकृतिक लेंस के बीच में बहुत ही सूक्ष्म चीरे द्वारा प्रत्यारोपित किया गया। यह प्रक्रिया पूरी तरह दर्दरहित, सुरक्षित और अत्यधिक सफल रही। डॉ. सुरेश पाण्डेय ने बताया कि अधिकांश रोगी सर्जरी के अगले ही दिन सामान्य जीवन में लौट सकते हैं और उन्हें चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस की आवश्यकता नहीं रहती।

नेत्र सर्जन डॉ. पाण्डेय ने बताया कि हम नेत्र विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे अद्भुत नवाचारों को प्रतिदिन अनुभव कर रहे हैं। ओक्युलर फार्माकोलॉजी के क्षेत्र में हो रहे इनोवेशन, जैसे प्रीफिल्ड इन्ट्राकुलर सॉल्यूशन्स और नई नेत्र ड्रग डिलीवरी सिस्टम्स, ने पारंपरिक प्रीऑपरेटिव डाइलेटिंग आई ड्रॉप्स की आवश्यकता को काफी हद तक कम कर दिया है। यह नवाचार धीरे-धीरे हमें ड्रॉप-लेस कैटरेक्ट और फेकिक लेंस सर्जरी की ओर ले जा रहा है, जो नेत्र चिकित्सा को और अधिक प्रभावी, तेज़ और रोगी केंद्रित बना रहा है।मरीज आकांक्षा सोनी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अब वे पहले से कहीं बेहतर और स्पष्ट दृष्टि का अनुभव कर रही हैं।

संलग्न: फोटो। माइड्रिकेयर एक्सएल पीएफएस के साथ टोरिक फेकिक लैन्स सर्जरी द्वारा माईनस 7 नम्बर का चश्मा हटाने के बाद नेत्र सर्जन डॉ. सुरेश पाण्डेय एवं उनकी टीम सदस्य साथ में मरीज सुश्री आकांक्षा सोनी।

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