*राजस्थान केंद्रीय विश्वाविद्यालय किशनगढ़ में शिक्षक दिवस सम्मान समारोह आयोजित
-राज्यपाल ने उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया
-विश्वविद्यालय में सोलर प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया
-राज्यपाल ने कहा, शिक्षकों का सम्मान स्वस्थ परम्परा है
-आजादी के मतवाले प्रदर्शनी का किया अवलोकन
(हरिप्रसाद शर्मा)
जयपुर/स्मार्ट हलचल/अजमेर/राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने कहा कि शिक्षक विद्यार्थी के जीवन को गढ़ते हैं। वे उन्हें संस्कारित कर सुनागरिक बनाते हैं। इसलिए शिक्षक समाज में वंदनीय है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का सम्मान स्वस्थ परम्परा है। शिक्षक बच्चों के भविष्य का निर्माण करते हैं।
श्री बागडे गुरूवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय बान्दर सिन्दरी किशनगढ़ में आयोजित टीचर एक्सीलेंस अवार्ड सेरिमनी के दौरान संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान उत्कृष्ट शिक्षकों का सम्मान किया और आजादी के मतवाले प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इसमें राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व उत्सर्ग करने वाले देशभक्तों के योगदान को इसमें प्रदर्शित किया गया है।
राज्यपाल ने कहा कि आजादी का इतिहास 1857 से लेकर 1947 तक करीब नब्बे साल का रहा है। इसे सभी को पढ़ना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) में राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय का प्रदर्शन देखकर बहुत अच्छा अनुभव हुआ है। इसे भविष्य में भी बनाए रखने की कामना की।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होना चाहिए। किसी भी राष्ट्र के लिए वहां की उच्च शिक्षा समृद्ध सांस्कृतिक और वैज्ञानिक संपत्ति है। इससे विद्यार्थियों का व्यक्तिगत विकास ही नहीं होता बल्कि देश भी आर्थिक, तकनीकी और सामाजिक रूप में सुदृढ होता है।
उन्होेंने कहा कि आज का युवा कल का राष्ट्र उपासक और संरक्षक बने। यही नीति शिक्षा देने वाले शिक्षकों की भी हो। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत भारत को फिर से विश्वगुरु बनाने में समर्थ करने वाली शिक्षा का प्रसार हमारे यहां किया जाए।
इससे पहले उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय में नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचपीसी) के सहयोग से 700 किलो वाट का सोलर पावर प्रोजेक्ट का लोकार्पण भी किया।
राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनन्द भालेराव ने कहा कि भारत में प्राचीन समय से गुरु शिष्य परम्परा रही है। इसके माध्यम से मिले वेद, विज्ञान, कला, ज्योतिष एवं साहित्य के ज्ञान ने भारत को विश्व गुरु बनाया।
समारोह में आईआईटी रूड़की के प्रो. कौशिक पाल, आईआईटी दिल्ली के प्रो. कुमार नीरज झा, केन्द्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा की डॉ. अनिता कुमारी और एमएनआईटी जयपुर की डॉ. निरजा सारस्वत को टीचर एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया। कश्मीर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए. रविन्द्र नाथ को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।