सांवर मल शर्मा
आसींद । श्रृंग ऋषि सेवा संस्थान, जयनगर में आम सभा का आयोजन किया गया। आम सभा में उपाध्यक्ष घनश्याम शर्मा द्वारा तत्कालीन अध्यक्ष कैलाश पांडा के विरुद्ध एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। प्रस्ताव में आरोप लगाया गया कि उनके द्वारा सामूहिक विवाह सम्मेलन, मंदिर निर्माण एवं प्राण-प्रतिष्ठा जैसे पुनीत कार्यों के विरोध में तथा संस्था-विरोधी गतिविधियों का संचालन किया गया। इस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के पश्चात कुल 15 सदस्यों में से 13 सदस्यों ने अपनी सहमति व्यक्त की, जो कि लगभग 89 प्रतिशत बहुमत रहा। दो सदस्य अनुपस्थित रहे। आम सभा ने निर्णय लिया कि सामूहिक विवाह सम्मेलन जयनगर–शंभुगढ़ को लेकर फैलाई जा रही अनावश्यक भ्रांतियों को समाप्त किया जाए, ताकि समाज के बच्चे एवं समाजजन इस पुनीत कार्य में उत्साहपूर्वक भाग ले सकें।
उसके अगले ही दिन कैलाश पंडा निवासी शंभुगढ़ ने सिखवाल समाज की बैठक की । वही अरनिया स्थित चारभुजा नाथ मंदिर परिसर में शंभुगढ़ सिखवाल समाज की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जयनगर ग्राम सिखवाल समाज द्वारा प्रस्तावित सामूहिक विवाह सम्मेलन के संदर्भ में समाचार पत्रों शंभुगढ़ नाम जयनगर के साथ संयुक्त रूप से प्रकाशित किए जाने पर कहा कि शंभूगढ़ सिखवाल समाज का जयनगर में हो रहे आयोजन से कोई भी संबंध नहीं है। तथा जयनगर सिखवाल समाज से आग्रह किया कि आगामी आयोजित होने वाले कार्यक्रम में जयनगर सिखवाल समाज किसी भी समाचार पत्र, पत्रिका, बैनर, पम्पलेट, होर्डिंग अथवा अन्य किसी भी प्रकार के प्रचार-प्रसार माध्यम में शंभुगढ़ सिखवाल समाज का नाम प्रकाशित न किया जाए।


