राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के माध्यम से विकसित राजस्थान का सपना होगा साकार – प्रभारी मंत्री डॉ. बाघमार
भीलवाड़ा, 08 नवम्बर। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के तहत शुक्रवार को जिला स्तरीय इन्वेस्टर मीट में 10 हजार 340 करोड रूपये से अधिक निवेश के 143 एमओयू किये गए, इससे 23 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। होटल ग्लोरिया इन में आयोजित समारोह में जिला प्रभारी मंत्री डॉ. मंजू बाघमार, विधायक अशोक कोठारी, विधायक गोपाल लाल खंडेलवाल, जिला प्रभारी सचिव राजन विशाल, जिला कलक्टर नमित मेहता, पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह, जनप्रतिनिधि प्रशांत मेवाड़ा सहित उद्यमियों एवं गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में एमओयू सम्पन्न हुए।
इन्वेस्टर मीट युवाओं के लिए राज्य सरकार की रोजगारोन्मुख सोच
प्रभारी मंत्री डॉ मंजू बाघमार ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि राज्य सरकार राज्य में उद्योगों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में इन्वेस्टर मीट आयोजित कर रही है, जिससे राज्य के विकास को नई दिशा मिले। भीलवाड़ा में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम विकास और निवेश को बढ़ावा देने के लिए है। राज्य सरकार की मंशा अनुसार यह मीट युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार प्रदान करने और जिले में निवेश बढ़ाने के लिए उपयोगी साबित होगी। जिला स्तरीय समिट के बाद भी जयपुर में 9 से 11 दिसंबर तक आयोजित राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2024 में एमओयू किए जा सकेंगे।
प्रभारी मंत्री डॉ बाघमार ने कहा कि राज्य सरकार एमओयू करने के साथ उन्हें धरातल पर उतारना चाहती हैं, इसीलिए विभिन्न करों में छूट और अनुदान भी दे रही हैं। सरकार ने कई पॉलिसी नई बनाई है, हम उद्यमियों से भी सुझाव ले रहे ताकि इन्हे शामिल कर पॉलिसी बना सके। राज्य सरकार का उद्देश्य जिले को उद्यमिता में आगे बढ़ाना है ताकि जिले का और विकास हो। ‘‘एक जिला-एक उत्पाद’’ के जरिये भी लोकल उत्पाद को प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने बताया राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के माध्यम से विकसित राजस्थान का सपना साकार होगा।
राज्य सरकार का फोकस एमओयू मेमोरेंडम ऑफ इंप्लिमेंटेशन में हो तब्दील
प्रभारी सचिव राजन विशाल ने कहा कि उद्यमिता और नवाचार ने भीलवाड़ा को औद्योगिक मानचित्र पर एक विशेष पहचान दिलाई है, चाहे वह टेक्सटाइल उद्योग हो या माइनिंग उद्योग। उद्योगों की सफलता से न केवल आपको लाभ हुआ है, बल्कि इससे रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं और अर्थव्यवस्था में गुणकारी प्रभाव भी पड़ा है।
निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार अपने पहले ही वर्ष में राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टर मीट लेकर आई है और पहले वर्ष में लाने का मतलब यह है कि प्राथमिकताएँ बिल्कुल स्पष्ट हैं और जो बाकी का कार्यकाल है सरकार का उसमें फोकस यह रहेगा कि मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग से मेमोरेंडम ऑफ इंप्लिमेंटेशन में तब्दील हो। राज्य स्तरीय समिट में अन्य देशों की भागीदारी भी होगी। इटली, जापान, कोरिया सहित कई देशों की पुष्टि हो चुकी है। इस समिट का उद्देश्य राजस्थान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करना है।
राज्य सरकार उद्यमियों के साथ, उद्यम स्थापित करने में नहीं आएगी समस्याएं
जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि भीलवाड़ा जिले में उद्योगों की स्थापना के लिए सरकार द्वारा कई पहल की गई हैं, जिनमें ड्राफ्ट टेक्सटाइल पॉलिसी बनाई गई है और उद्योगों के लिए विभिन्न सुविधाएं प्रदान की गई हैं। राज्य सरकार जिले में उद्योगों के लिए वित्तीय सहायता और अन्य सुविधाएं दे रही है। उन्होंने इंडस्ट्रियलिस्ट को भरोसा दिलाया कि आपको उद्योग लगाने में कोई समस्या नहीं आए, यही कोशिश रहेगी।
मांडलगढ़ विधायक गोपाल खंडेलवाल ने कहा कि उद्योगों की स्थापना एवं विकास के लिए राज्य सरकार सभी सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। उद्योगों की समस्या समाधान के लिए सरकार प्रयासरत है। खनिज क्षेत्र में निवेश को लेकर भी चर्चा की। विधायक अशोक कोठारी ने संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार टेक्सटाइल पॉलिसी लाने जा रही हैं, राज्य सरकार द्वारा भीलवाड़ा में वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से टेक्सटाइल पार्क की स्थापना के लिए रूपाहेली में भूमि का आवंटन किया जा चुका है। राईजिंग राजस्थान के माध्यम से भीलवाड़ा और राज्य के कदम विकास की ओर बढ़ेंगे।
स्टॉल्स और प्रदर्शनी रही आकर्षण का केन्द्र
इन्वेस्टर मीट में एक जिला एक उत्पाद को लेकर प्रदर्शनी लगाई गई। इनमें 20 स्टॉल्स लगाई गई। 7 स्टॉल यार्न, सुटिंग व कपड़े से जुड़ी थी। इनके अलावा माइनिंग, भीलवाड़ा डेयरी, रेडिमेड गारमेंट, बैंकिंग सेक्टर, मेडिकल, फड़ पेंटिंग की स्टॉल भी रही। अतिथियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण राइजिंग राजस्थान की थीम पर आधारित रंगोली, सेल्फी पाइंट, एक जिला एक उत्पाद टैक्सटाइल प्रोडक्ट और रेडीमेड गारमेंट की की स्टाल्स के साथ-साथ स्टोन कार्विंग, फड़ पेटिंग , स्नैचिंग आर्ट, सरस डेयरी भीलवाड़ा , हिन्दुस्तान जिंक, संगम, कंचन, नितिन स्पिनर्स , बीएसएल, चित्रक गारमेंट, केल्वीन टेक्स वेंचर, द्वारकेश फार्मा , अग्रणी बैंक , विनोद ओटो एलएलपी कृषि /बागवानी ,मेडीकल , खनन विभाग की स्टाल्स लगाकर उत्पाद एवं योजनाएं प्रदर्शित की गई। राज्य स्तरीय निवेश व जिले की भौगोलिक, सांस्कृतिक एवं औद्योगिक परिदृश्य का चित्रण करते हुए डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई।
जिले में सेक्टरवाइज एमओयू की स्थिति
महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र के.के. मीना ने बताया कि जिला स्तरीय इन्वेस्टर मीट में 10 हजार 340 करोड रूपये से अधिक निवेश के 143 एमओयू किये गए, इससे 23 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। सर्वाधिक 62 एमओयू टेक्सटाइल सेक्टर में हुए। इनमें 4621 करोड़ के निवेश प्रस्तावित है। इनसे 9320 लोगों को रोजगार मिलेगा। आयरन व स्टील में 2661 करोड़ के 6 एमओयू हुए। इनमें 7590 लोगों को रोजगार मिलेगा।
इसी प्रकार एग्रो एंड फूड में 33 करोड़ के 11 एमओयू, चिकित्सा क्षेत्र 371 करोड़ के 7 एमओयू, खनिज क्षेत्र 1824 करोड़ के 11 एमओयू, पर्यटन क्षेत्र के 309 करोड़ के 10 एमओयू, फर्नीचर 12 करोड़ के 3 एमओयू, प्लास्टिक 9 करोड़ के 2 एमओयू, पेट्रोल सेक्टर 159 करोड़ के 7 एमओयू एवं अन्य 337 करोड़ के 24 एमओयू सहित कुल एमओयू 10 हजार 340 करोड़ के 143 एमओयू किए गए।
कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला कलक्टर ओम प्रकाश मेहरा, नगर विकास न्यास सचिव ललित गोयल, एजीएम रीको लि पी. आर. मीना, मेवाड़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स – इंडस्ट्रीज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आर. सी. लोढ़ा, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष शम्बू प्रसाद काबरा, सिंथेटिक विविंग मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय पेडीवाल, भीलवाड़ा टैक्सटाइल ट्रेड फेडरेशन के संरक्षक श्याम चांडक सहित उद्यमी एवं निवेशक मौजूद रहे।