Homeबीकानेररोशनबाड़ी लघु सिंचाई परियोजना का है मामला

रोशनबाड़ी लघु सिंचाई परियोजना का है मामला

विद्युत कनेक्शन नहीं होने से अभी तक नहीं मिला फ़व्वारा पद्धति से किसानों को पानी।
धनराज भंडारी
सुनेल 18 नवंबर।
स्मार्ट हलचल /क्षेत्र में रोशनबाड़ी लघु सिंचाई परियोजना के नाम से रिछड नदी पर बने ओवरफ्लो डैम का कार्य पिछले वर्ष पूर्ण हो चुका था लेकिन पर्याप्त बारिश नही होने के कारण बांध में मात्र 1 से 2 फीट पानी ही भर कर रह गया था। इस वर्ष लगातार बारिश होने के कारण बांध ओवरफ्लो हो गया है । लेकिन बांध से छोड़े जाने वाले पानी को लेकर किसान चिंतित है क्योंकि नहर से निकलने वाली मुख्य दोनों नहरे अभी भी कई जगह से क्षतिग्रस्त है ।जिससे समय पर समय पर तेल तक किसानों के खेतों के पानी नहीं पहुंच पा रहा है वही फवारा पद्धति से भी 14 गांव को इस बांध से पानी मिलेगा लेकिन अभी तक विद्युत कनेक्शन नहीं होने की वजह से किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है लगातार किसानों के द्वारा पाइपलाइन के द्वारा पानी छोड़ने की मांग की जा रही है । हालत यह दो विभागों के कानूनी पेज के चक्कर में किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है। विद्युत कनेक्शन के लिए डिमांड में देरी होने की वजह से विद्युत कनेक्शन नहीं हो पाया। हालांकि रोशन बड़ी लघु सिंचाई परियोजना के फवारा पद्धति के अंतर्गत 18 डीपी लगानी है जिसमें से 17 डीपी तो लगा दी गई है बाकी 1 डीपी भी जल्द ही लगा दी जाएगी । वंही विद्युत विभाग के द्वारा सिंचाई विभाग को डिमांड जारी कर दिया गया है इसके बाद डिमांड जमा होने के साथ ही उम्मीद है कि जल्द ही किसानों को पाइपलाइन के द्वारा फवारा पद्धति से पानी मिल सकेगा।

इस बांध के पानी से इन गांवों को मिल रहा है फायदा-
दरअसल, सुनेल क्षेत्र से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लघु सिंचाई परियोजना रोशनबाड़ी बांध से सुनेल क्षेत्र के गांव फाऊखेड़ी, राजपुरा, सुनेल, घाटाखेड़ी, रोशनबाड़ी, अकोदिया, चछलाई ,चंद्रपुरा, कांदलखेड़ी, कालियाखेड़ी, लालगांव ,भटखेड़ा ,मालपुरा, छीतरखेड़ा, उन्हेल, केसरपुरा ,सेमला, कादरनगर सहित अन्य गांवों को सिंचाई का नहरों से पानी पहुंचा रहा है वही जल्द ही फव्वारा पद्धति से रबी की फसलों के लिए पानी मिलना शुरू हो जाएगा।

बांध से मुख्य रूप से दो नहरे निकाली गई —
रोशनबाड़ी बांध से मुख्य रूप से दो नहरे क्षेत्र में सिंचाई के लिए निकली गई । जिनकी लागत 17 करोड़ 26 लाख की स्वीकृति 24 दिसंबर 2017 को हुई । जिसमें दाई मुख्य नहर 6.50 किमी और बाई मुख्य नहर 7.14 किमी का निर्माण हो चुका है। यह बांध पूरी तरह से स्प्रिंकलर सिस्टम पर आधारित है। स्प्रिंकलर सिस्टम के माध्यम से सिंचाई होने से इसमें रकबा बढ़ाया गया है। साथ ही इसके आसपास के क्षेत्रों में 90 एमएम से 180 एमएम के पाइप लाइन बिछा दी गई है । जिसमें किसानों के खेतों में पॉइंट दिए हुए हैं। फव्वारा सिस्टम तथा मिनी स्पीक्लर के माध्यम से किसानों को अपनी फसलों को सिंचित करने की पुर्ण आजादी होगी।

किसानों का यह है कहना—- किसान मांगीलाल धाकड़, भगवान सिंह सहित क्षेत्र के दर्जनों किसानों ने बताया कि बांध के दोनों और विभाग के द्वारा नहरे निकली गई है ,जिसमें प्रत्येक 1 किलोमीटर की दूरी पर विभाग के द्वारा पानी की पंपिंग के लिए डिग्गियां बनाई गई है। जिसमें पंपिंग करने के लिए पंप सेट तो लगा दिए गए हैं लेकिन अभी बिजली के कनेक्शन चालु नही किया है ।

वर्जन—- फव्वारा पद्धति के लिए पंप सेट लगा दिए गए हैं वहीं बिजली कनेक्शन के लिए ट्रेजरी में डिमांड जमा करवा रखा है बिजली विभाग के पास जैसे ही पैसा जाएगा वह कनेक्शन चालू कर दिए जाएंगे। ट्रांसफार्मर लगाने के लिए कहीं जगह समस्या आ रही थी उसको हल करवा दिया गया है बिजली कनेक्शन चालू होने के साथ ही टेस्टिंग कर जल्द ही किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध किया जाएगा।
सहायक अभियंता -रामअवतार मीणा ,लघुसिंचाई परियोजना, भवानीमंडी ।

इस बांध के लिए कल 18 डीपी लगती थी जिसमें से 17 डीपी लगा दी गई है बाकी भी जल्दी लग जाएगी । सिंचाई विभाग को डिमांड जारी कर दी गई है जैसे ही डिमांड जमा होगी कनेक्शन चालू कर दिया जाएगा।
माधवेन्द्र सिंह
सहायक अभियंता जेवीवीएनएल सुनेल

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