कनेच्छन कलां में पसरा सन्नाटा, शोक में डूबा गाँव, सायं तक नही जला एक भी घर में चूल्हा
शाहपुरा ।
तहसील क्षेत्र के कनेच्छन कलां निवासी प्रख्यात कथावाचक पंडित सिद्धान्त त्रिपाठी (25वर्ष) व उनके पिता पंडित मदन त्रिपाठी(60) की जयपुर के पास एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। इस हादसे में सिद्धान्त के 17 वर्षीय भानेज घायल होगये। सड़क हादसे में पिता-पुत्र की मौत को लेकर गांव में सन्नाटा पसर गया औऱ पूरा गांव शोक में डूब गया। दोनों का अंतिम संस्कार मंगलवार किया गया।
जानकारी के अनुसार कथावाचक पं. सिद्धांत सोमवार सुबह 5बजे ही अपने अस्वस्थ पिता पं. मदन लाल को कार से जयपुर उपचार हेतु लेजारहे थे। जयपुर पहुंचते पहुंचते रास्ते में कार का एक्सीडेंट हो गया। इस हादसे में कार में सवार पं. सिद्धान्त,पं. मदन लाल व पं. सिद्धान्त के भानेज घायल हो गये। घायलों को जयपुर हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। जहां पं. मदन लाल की सोमवार को ही मौत हो होजाने से उनके शव को मंगलवार अल सुबह 4 बजे कनेच्छन कलां लाया गया। पिता का सुबह दाह-संस्कार चल ही रहा था कि घायल पुत्र ने भी जयपुर के अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पिता की चिता की अग्नि अभी शांत भी नही हुई और सायं को पुत्र का भी उन्हीं की चिता के पास दाह-संस्कार किया गया।
*शोक में डूबा गाँव, नही जले सायं तक चूल्हे:-* पिता-पुत्र की मौत को लेकर सम्पूर्ण कनेच्छन कलां में सन्नाटा पसर गया। सैंकड़ो की तादात में ग्रामीण जमा हो गए। हर कोई शोक में डूबा नजर आया। मंगलवार सायं तक गाँव के एक भी घर में भी चूल्हा नही जला। इस हादसे से हर कोई स्तब्द्ध दुकानदार ने अपने प्रतिष्ठान नही खोले। गाँव के सम्पूर्ण बाजार बंद रहे।
*परिजनों का बुरा हाल:-* कथावाचक सिद्धान्त की दो मासूम पुत्रियां, पत्नी, माता सहित सम्पूर्ण परिवारजनों व रिश्तेदारों का उनकी व उनके पिता की मौत को लेकर रो-रो कर बुरा हाल था। अंतिम संस्कार के लिए लेजाते समय हर ग्रामीण की आँख नम हो गई। आपको बतादें की मृतक कथावाचक प. सिद्धान्त भागवतकथा, नानी बाई को मायरो, भक्तमालकथा सहित कई कथाएं गांव, तहसील, जिले के अलावा प्रदेश के कई जिलों में कर चुके थे। 25 वर्ष की इस कम उम्र में ही उनकी ख्याति दूर दूर तक फैली थी। कुछ दिनों पूर्व शाहपुरा माहेश्वरी समाज महिला मंडल के द्वारा माहेश्वरी पंचायत भवन में श्रीमद् भागवत कथा का वाचन भी दिवंगत पं. सिद्धान्त ने किया था। उनकी मौत की खबर पाकर शाहपुरा में भी शोक की लहर छा गई।