भीलवाड़ा। (योगेश लिमानी) न्यायाधिकारी, ग्राम न्यायालय माण्डल, जिला भीलवाड़ा न्यायालय ने अभियुक्त सुखदेव पुत्र मांगीलाल निवासी गांव बोर का कुआ थाना मावली, जिला उदयपुर को अंर्तगत धारा 279-337-304ए भा.द.स. के अपराध से दोषमुक्त किया। अभियुक्त की और से पैरवी हनुमान सिंह राणावत, सुशीला शर्मा, अशरफ मोहम्मद बैग एडवोकेट्स ने की। प्राप्तजानकारी के अनुसार प्रार्थी नरेश व उसके दोस्त आशुतोष जाट, प्रदीप तथा देवीदयाल ब्राह्मण चारो ही अपने गांव भागवी तहसील दादरी जिला भिवानी (हरियाणा) से गोवा घुमने के लिए करीब 4 बजे कार नं. HR 61 C 7393 स्विफ्ट डिजायर लेकर निकले कार को नरेश कुमार चला रहा था। 25 मार्च 2017 को सुबह करीब 5:30 बजे प्रार्थी व उसके दोस्त माण्डल चौराहे से कुछ पहले ही डम्पर जिसके नंबर RJ 14 GC 2356 से एक्सीडेंट हो गया और गंभीर रूप से घायल हो गए, उन्हे महात्मा गांधी हॉस्पिटल भीलवाड़ा लाए। जहा ईलाज के दौरान प्रदीप व देवीदयाल की मौत हो गई तथा आशुतोष को अजमेर रेफर किया। रास्ते में ही मृत्यु हो गई एवं प्रार्थी नरेश को ईलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया। इस पर मृतक के परिवारजन ने रिपोर्ट मांडल थाने में पेश की जिस पर मुकदमा संख्या 170/2017 धारा 279, 337, 304ए भा.द.स में दर्ज कर अनुसंधान किया गया। इसके बाद अनुसंधान अभियुक्त के विरूद्ध धारा 279, 337, 304ए भा.द.स के अपराध का आरोप प्रमाणित पाए जाने पर आरोप-पत्र 26 मई 2017 को न्यायालय में पेश किया गया एवं चार्ज आरोपित कर गवाहों के बयान लेखबद्ध किए गए एवं एपीपी ने 19 दस्तावेज प्रर्दर्शित करवाए बयान मुल्जिम लिए गए एवं लोक अभियोजक ग्राम न्यायालय भीलवाड़ा द्वारा अपराध साबित करने में असफल रहे एवं ग्राम न्यायालय माण्डल के प्रकरण के विद्धान न्यायाधीश मोहित चायल ने अभियुक्त सुखदेव को दोषमुक्त किया। मुल्जिम की और से पैरवी हनुमान सिंह राणावत, सुशीला शर्मा, अशरफ मोहम्मद बैग एडवोकेटस ने
की।