भीलवाड़ा।मारू भाम्बी विकास सेवा संस्थान भीलवाड़ा के परामर्शदाता दयाराम मारू के देहावसान के बाद परिवार ने मृत्युभोज नहीं करने का संकल्प लिया।उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए उनके पुत्र नारायण लाल मारू एवं समस्त परिवार ने घोषणा की कि वे पारंपरिक रूप से किए जाने वाले मृत्यु भोज,गंगोज व मिठाई युक्त भोज का आयोजन किसी भी परिस्थिति में नहीं करेंगे।परिवारजनों ने बताया कि वे पिछले 20 वर्षों से किसी भी मृत्यु भोज में शामिल नहीं हुए लेकिन शोकसभा में जरूर सम्मिलित होते है।मंगलवार को ग्राम ऊँचा में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में मारू भाम्बी विकास सेवा संस्थान भीलवाड़ा, बुनकर समाज कल्याण समिति भीलवाड़ा, ओसवाल फॉस्कोम इंडिया लिमिटेड, श्री चारभुजा गोपाल गौशाला संस्था पहुँना (जिला चित्तौड़गढ़), शिक्षक साथी, ऊँचा के गणमान्यजनों सहित पंचायत समिति राशमी के प्रधान दिनेश कुमार बुनकर तथा अनेक सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित रहे।सभा में नारायण लाल मारू ने अपने पिता की अंतिम इच्छा को पुनः दोहराते हुए कहा कि परिवार समाज में रूढ़िवादी मृत्यु भोज परंपरा को समाप्त करने की दिशा में आगे भी प्रयास करता रहेगा।सभा में मौजूद सभी वरिष्ठों,गणमान्यजनों एवं संस्थाओं ने इस निर्णय की खुलकर प्रशंसा करते हुए कहा कि आर्थिक रूप से सक्षम होते हुए भी मृत्यु भोज नहीं करना एक उत्तम सामाजिक संदेश है और इससे आने वाली पीढ़ियों को सही दिशा मिलेगी।उपस्थित जनों ने परिवार का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि यह संकल्प सभी लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा। सादगी,सामाजिक जागरूकता और कुप्रथाओं के अंत हेतु दिया गया यह संदेश गांव और समाज में नई सोच को जन्म देगा।


