जैन हर्षाली कोठारी ने संयमपथ अपना बनी साध्वी
32 लाख से सेलेरी पॅकेज पर कार्यरत थी सॉफ्टवेयर इंजिनियर हर्षाली जैन
(महेन्द्र सालवी)
भीम 03 दिसम्बर /स्मार्ट हलचल/ब्यावर की सॉफ्टवेयर इंजीनियर हर्षाली कोठारी ने सांसारिक रिश्ते नातों को अलविदा कह कर निर्ग्रन्थ श्रमण संस्कृति की संवाहक बन गई। अणगार धर्म स्वीकार कर पांच महाव्रत की साधना पथ पर अग्रसर हो गई।अब वह संन्यास का श्वेत चोला पहन हर्षाली से जैन साध्वी श्री राम हर्षा महाराज बन चुकी है। साधुमार्गी जैन संघ के आचार्य रामलाल महाराज ने उन्हें संसार की असारता व जीवन के क्षण भंगुरत्व का उद्बोध दे यावज्जीवन सामायिक व्रत प्रदान किया। आचार्य नानेश मार्ग स्थित गिब्सन हॉस्टल ग्राउंड पर आयोजित दीक्षा महोत्सव में हजारों धर्मावलंबियों ने हर्ष जाहिर कर उनके संयम जज्बे का अभिवादन कर इस महान पल के साक्षी बने। संत नीरजमुनि अनंतमुनि साध्वी रोशनकंवर पराग श्री यतना श्री ने आशीर्वचन दिए। आचार्य ने कहा कि अनंत ज्योति स्वरूप आत्म तत्व देह के मृत पिंड में समाई है। सर्व विरति रूप प्रव्रज्या मुख्यमार्ग है। चारित्र धर्म का दामन थाम कर भवसागर की वैतरणी को पार उतरा जा सकता है। संयम खांडे की धार है। जिस पर कोई बिरला ही चल सकता है। बहुश्रुत की दौड़ में शामिल हुई सत्य की राहगीर नवदीक्षिता रामहर्षा अब 22 परिषह झेलने हेतु आतुर है। 56भोग का रसास्वादन छोड़ 42 दोष टाल कर घर घर गोचरी कर आहार लेगी। 52 अनाचार का त्याग करेगी। 8कर्मों की निर्जरा करेगी। 3 रत्न की सम्यक आराधक बनेगी। सांसारिक द्वंद से ऊपर उठ कर एकत्व भावना व अन्यत्व अनुप्रेक्षा करेगी। अब वह सत्य की खोज में पग पग पैदल विहार करेगी। संयम की रण भूमि में आत्म रिपु का दमन कर मिथ्या जीवन की संहारक बनेगी। सत्य की राहगीर बन कर आत्म कल्याण जन कल्याण विश्व कल्याण व समूची मानवजाति की उद्धारक बन भव्य जीवों को संयम के कंटकाकीर्ण मार्ग से गुजर मुक्ति प्रतिबोधक बनेगी। दीक्षा दानेश्वरी आचार्य की ये 412 वी दीक्षा है। इससे पूर्व सोमवार को वीर माता पिता अशोक कोठारी व उषा कोठारी का साधुमार्गी जैन संघ के केंद्रीय अध्यक्ष नरेंद्र गांधी महामंत्री सुरेश बच्छावत राष्ट्रीय संयोजक महेश नाहटा श्रेणिक नाहर प्रवीण खेतपालिया ने मुमुक्षु हर्षाली को प्रशस्ति पत्र भेंट किया। दीक्षा उपकरण रजोहरण आहार पातरे पूंजनी आसन श्वेत वस्त्र आदि के साथ केसर छटाई ओघा बंधाई कार्यक्रम हुए। मंगलवार सवेरे केश लोचन श्वेत वस्त्र परिवर्तन कर मेवाड़ी गेट स्थित आवास से दीक्षार्थी की महाभिनिष्क्रमण यात्रा निकाली तथा दीक्षा महोत्सव स्थल पर सजे वीतरागी मंडप में चतुर्विधि संघ की साक्षी में दीक्षार्थी अमर रहे के उदघोष के मध्य जैन परिव्रज्या प्रदान की गई। समारोह के दौरान चार मुमुक्षु ज्योति कांठेड़,युक्ता चौरडिया,करिश्मा लूनिया तथा श्रद्धा आंचलिया को आगामी सात फरवरी को नोखा मंडी में दीक्षा प्रदान करने की घोषणा हुई। इस अवसर पर विनय रांका, आशीष कांठेड़,पन्नालाल कोठारी, पंकज ओस्तवाल,नोरतमल बाबेल,महेंद्र लोढ़ा,श्रेयांश गांधी,प्रदीप बोहरा, उत्तम लोढ़ा,अंकुश बोहरा,प्रवीण बड़ौला,अभिषेक रूणीवाल,ज्ञानचंद रांका गौतम चौधरी सहित गुजरात,महाराष्ट्र,चेन्नई,कर्नाटक,मध्यप्रदेश से जैन धर्मावलंबी मौजूद थे।