स्मार्ट हलचल|ग्वालियर: जहां आमतौर पर रविवार को लोग आराम करते हैं, परिवार संग घूमने-फिरने निकलते हैं, वहीं मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले की चिनौर तहसील ग्राम बनवार के माहौर गार्डन में कुछ अलग ही दृश्य देखने को मिला। संत रामपाल जी महाराज के पावन सान्निध्य में आयोजित विशाल सत्संग में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लेकर यह प्रमाणित कर दिया कि सच्चे ज्ञान की प्यास, आराम और मनोरंजन से कहीं ऊपर है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इस सत्संग में भोजन और पेय पदार्थों को भी परमात्मा से जोड़कर परोसा गया — जैसे “बिस्कुट राम”, “चाय राम”, “जल राम”। यह परंपरा दर्शाती है कि संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी हर क्रिया को ईश्वर भक्ति में समर्पित करते हैं। एलईडी स्क्रीन के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज के वचनों की अमृतवर्षा हुई, जिसमें उन्होंने पवित्र शास्त्रों का प्रमाण देते हुए सच्चे मोक्ष मार्ग की विवेचना की।
एक दिव्य वाक्य जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया:
“मनुष्य जन्म दुर्लभ है, यह बार-बार नहीं मिलता, जैसे वृक्ष से टूटा पत्ता फिर नहीं जुड़ता।”
इस एक वाक्य ने जीवन की असली अहमियत को स्पष्ट कर दिया।हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं में से एक भी व्यक्ति नशे की अवस्था में नहीं दिखा। यह नज़ारा आज के समाज में दुर्लभ है। सत्संग में भाईचारा, प्रेम, आदर और समानता का अनुपम दृश्य देखने को मिला।सत्संग के दौरान श्रद्धालुओं को निःशुल्क नाम दीक्षा भी दी गई, जिससे उन्हें अध्यात्म के वास्तविक मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिली।