राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सुभाष नगर में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम की आमूखीकरण कार्यशाला संपन्न
भीलवाड़ा । “शिक्षक अपने कर्तव्य के प्रति सजग रहकर व्यक्ति पर निरक्षरता के कलंक को मिटाने का संकल्प लें तो सरकार का 2027 तक ‘शत प्रतिशत साक्षर भारत’ का सपना साकार हो सकता है।” यह बात जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) रामेश्वर लाल बाल्दी ने कही। वे राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सुभाष नगर में आयोजित नवभारत साक्षरता कार्यक्रम की आमूखीकरण कार्यशाला में मुख्य अतिथि पद से संबोधित कर रहे थे।
बाल्दी ने कहा कि शिक्षक समाज का मार्गदर्शक होता है और उसकी भूमिका केवल विद्यालय तक सीमित नहीं, बल्कि समाज को ज्ञान के प्रकाश से आलोकित करने तक विस्तारित है। उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक शिक्षक “शिक्षा के साथ संस्कार” देने का संकल्प ले, तो साक्षर समाज और सशक्त भारत का निर्माण संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि साक्षरता के सभी घटकों पढ़ना, लिखना, गणना और समझ को पूरा करते हुए हमें ‘आक्षर से साक्षर’ बनाने का अभियान चलाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति का कार्य के प्रति दृष्टिकोण बदल जाए तो उसे प्रगति की राह पर बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। बाल्दी ने उपस्थित शिक्षकों से अपील की कि वे जनजागृति लाकर प्रत्येक परिवार में साक्षरता का दीप जलाएं, ताकि हर सदस्य ज्ञान की रोशनी से प्रकाशित हो सके।
कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी कैलाश सुथार ने विद्यालयों में प्रार्थना सभा को प्रभावी बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ संस्कारवान बालक तैयार करना समय की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक विद्यालय में प्रार्थना सभा के दौरान बालकों को देशभक्ति, आपसी प्रेम और भाईचारे पर लघु वक्तव्य देने के लिए प्रेरित किया जाए। इससे विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे सही दिशा में अग्रसर होंगे।
अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी जगजितेन्द्र सिंह ने कहा कि जैसे बालकों में पढ़ने की ललक जागृत की जाती है, वैसे ही निरक्षरों में भी पढ़ने-लिखने की इच्छा पैदा करना आवश्यक है। उन्होंने इस दिशा में साक्षरता अभियान को जन आंदोलन के रूप में चलाने पर बल दिया, ताकि समाज के अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा की पहुँच सुनिश्चित हो सके।
जिला साक्षरता अधिकारी राकेश कुमार भण्डिया ने नवभारत साक्षरता कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के निरक्षरों को साक्षर करने के लिए योजनाबद्ध प्रयास कर रही हैं। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य केवल पढ़ना-लिखना सिखाना नहीं, बल्कि निरक्षरों को जीवनोपयोगी ज्ञान देकर आत्मनिर्भर बनाना है।
मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बिजौलिया) मालीराम यादव ने विद्यालयों में योग शिक्षा को शामिल करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि योग से बालकों में शारीरिक, मानसिक और नैतिक संतुलन बनता है। उन्होंने स्वास्थ्य, स्वच्छता और अनुशासन को शिक्षा का अभिन्न अंग बताते हुए शिक्षकों से इसे दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आग्रह किया।
कार्यक्रम में प्रधानाचार्या उर्मिला जोशी ने सभी अतिथियों व प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। दक्ष प्रशिक्षक महावीर कुमार ने कार्यशाला के दौरान की जाने वाली गतिविधियों को पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन (च्च्ज्) के माध्यम से प्रदर्शित किया और आगामी प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी दी।
कार्यशाला का संचालन संयोजक संदेश कुमार सुथार ने किया। उन्होंने नवभारत साक्षरता अभियान के विभिन्न आयामों पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि साक्षरता तभी प्रभावी होगी जब इसे व्यवहारिक जीवन से जोड़ा जाएगा।
इस अवसर पर जिले के सभी 14 ब्लॉकों के साक्षरता समन्वयक और दक्ष प्रशिक्षक उपस्थित रहे। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों ने समूह चर्चाओं, सुझावों और गतिविधियों के माध्यम से साक्षरता अभियान को प्रभावी बनाने के उपाय साझा किए। कार्यक्रम के अंत में यह संकल्प लिया गया कि भीलवाड़ा जिले को 2027 तक पूर्ण साक्षर जिला बनाने के लिए शिक्षक और समाज मिलकर “हर घर साक्षर, हर मन उजागर” का लक्ष्य साकार करेंगे।


