निरस्त हुऐ पट्टे की आड़ में करोड़ो रुपए की सरकारी भूमि खुर्दबुर्द
स्मार्ट हलचल|नीमराना में निरस्त किए गए पट्टे की आड़ में सरकारी भूमि की बिक्री जोर-शोर से हो रही है। यह अवैध गतिविधियों का एक रूप है जो सरकार के नियमों का उल्लंघन करता है। पट्टा रद्द होने के बाद, ज़मीन पर किसी भी व्यक्ति का स्वामित्व या अधिकार नहीं रह जाता है, और इसे बेचना या खरीदना अवैध है। लेकिन यहां निरस्त हुए पट्टा की भूमि का इकरारनामा, व बैनामा के जरिए खुलेआम खरीद बेचान हो रहा है यहां मिलीभगत भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि निरस्त हुए पट्टा की भूमि के इकरारनामा के आधार पर स्थानीय निकाय द्वारा मिलीभगत कर नए पट्टे जारी किया जा रहा रहे हैं
एडवोकेट मनोज मुद्गल ने बताया कि एक बार आवंटन निरस्त हो जाता है तो उक्त भूमि पुनः सरकारी भूमि घोषित कर दी जाती है ऐसी
सरकारी भूमि, केवल सरकारी या सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए होती है। इसका निजी व्यक्तियों द्वारा किसी को बेचना या स्थानांतरित करना कानून के खिलाफ है, अपराध है।
निरस्त पट्टे का अर्थ:
जब किसी पट्टे को रद्द कर दिया जाता है, तो भूमि का स्वामित्व सरकार के पास वापस आ जाता है। पट्टा रद्द होने के बाद, उस पर किसी व्यक्ति का अधिकार नहीं रहता है। फिर भी, कुछ लोग पट्टे के नाम पर सरकारी भूमि बेच रहे हैं, जो कि धोखाधड़ी है।
अवैध गतिविधियाँ:
निरस्त पट्टे की आड़ में सरकारी भूमि की बिक्री एक अवैध गतिविधि है। यह सरकार की भूमि को नुकसान पहुंचाती है और लोगों को धोखा देती है।
कानूनी कार्रवाई:
सरकारी भूमि की अवैध बिक्री में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। भूमि को जब्त किया जाता है, और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
स्थानीय प्रशासन की भूमिका:
स्थानीय प्रशासन को अवैध भूमि बिक्री की गतिविधियों पर नज़र रखनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन नीमराना में कारवाई करना तो दूर जिम्मेदार अधिकारीगण मिलीभगत कर सरकारी भूमि को खुर्दबुर्द करने में मदद कर रहे हैं।