नई दिल्ली : स्मार्ट हलचल/डॉ. राजीव कुमार महत्त न केवल चाय समुदाय में बल्कि बड़े असमिया समुदाय में भी एक स्थापित हस्ती हैं। डॉ. राजीव कुमार महत्त ने कविता के माध्यम से साहित्य के क्षेत्र में प्रवेश किया और बाद में कहानियाँ, उपन्यास लिखकर अपने साहित्य संग्रह को समृद्ध किया। चाय समुदाय के एक गरीब परिवार में जन्मे रजीब ने जीवन में आगे बढ़ने के कड़वे अनुभव को एक “संसाधन” के रूप में लिया और समाज में “गरीब छात्रों” के लिए प्रेरणा के प्रतीक के रूप में लोकप्रिय हुए। डॉ राजीव कुमार महत्ता अपने समाज में “अंध विश्वास” की महामारी के खिलाफ जनमत तैयार किया व कई प्रतिभाशाली गरीब छात्रों को अपने खर्च पर शिक्षित भी करते रहे हैं और समाज के शिक्षित वर्ग के बीच साहित्यिक चर्चा के लिए माहौल पैदा किया इसके अलावा समाज की बोली जाने वाली भाषा के “शिक्षार्थी” डॉ राजीव कुमार महत्ता को उनके समाज और वृहद असमिया राष्ट्र के विकास में उनके योगदान के लिए राज्य की कई संस्थाओं और संगठनों द्वारा सम्मानित किया गया है। डॉ राजीव कुमार महत्त का 9 नवंबर को जोरहाट में उनके कार्यों के सम्मान में उन्हें औ गुरी युवा समाज द्वारा समाज प्राण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।