समर्थ कुमार सक्सेना
लखनऊ 28 दिसम्बर। स्मार्ट हलचल| ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति की ओर से सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल की अगुआई में “सेवा परमो धर्म” का संदेश देते हुए अत्यधिक ठंड के चलते जरूरतमंदों को कम्बल वितरित किये गए। इसके साथ ही ऐसी मातृशक्तियां, जो धर्म के प्रचार-प्रसार और सेवा में नि:स्वार्थ भाव से समर्पित हैं, उनका सम्मान करते हुए उन्हें “जय श्री राम” की छवि अंकित वाले, विशेष सिन्दूरी शॉल, अंगवस्त्र के रूप में भेंट किए गए। इस क्रम में उन्होंने बताया कि नूतन वर्ष 2026 में कानपुर में पांच हजार महिलाओं द्वारा वृहद सुंदरकांड अनुष्ठान किया जाएगा।
21 दिसम्बर को सपना, जन्मदिवस के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष “सेवा पखवाड़े” का आयोजन किया जाता है। इसके अंतर्गत लखनऊ ही नहीं आसपास के अन्य दूरस्थ क्षेत्रों तक में दरिद्र नारायण तक जाड़े से बचने के लिए कंबलों का वितरण किया जा रहा है। पारा, जानकीपुरम सहित अन्य क्षेत्रों में इस अवसर पर सुंदरकांड का भी सरस पाठ किया गया वहीं 1 जनवरी 2026 को अंसल बरौना सहित पारा के क्षेत्रों, संक्रान्ति पर किसान पथ के गांवों में और चार जनवरी को गोंडा में कंबल वितरण का कार्य किया जाएगा।
सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल ने अंग्रेंजी नव वर्ष के उपलक्ष्य में संदेश दिया कि साल 2026 में भारतीय हिन्दुस्तानी नववर्ष गुरुवार 19 मार्च को होगा, जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि होती है। उसी दिन से विक्रम संवत् 2083 की शुरुआत होगी और चैत्र नवरात्रि भी आरंभ होंगे। ऐसे में अंग्रेंजी नव वर्ष के उपलक्ष्य में बेहतर होगा कि हम उस दिन उदित होते सूर्य को प्रथम प्रणाम अर्पित करें और नजदीकी मंदिर में पूजन अर्चन करें। बेहतर हो कि घर में सुंदरकांड का पाठ कर पूरे वर्ष सुंदर प्रभु आशीष हेतु प्रार्थना करें। नशा युक्त सा समिश भोजन का निषेध करें। हिन्दुस्तानी कैलेंडर के अनुसार एक जनवरी को प्रदोष व्रत पूजन है। इस व्रत को रखने से सुख-समृद्धि, धन लाभ, मानसिक शांति, रोगों से मुक्ति और सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है, खासकर यह शनि दोष को कम करता है और शत्रुओं पर विजय दिलाता है। इस व्रत से शिव-शक्ति की कृपा मिलती है, जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं और गुरु ग्रह मजबूत होता है, जिससे ज्ञान और सम्मान बढ़ता है। सपना गोयल के अनुसार उनका एकमात्र लक्ष्य है कि संतों और ऋषियों की पावन भूमि, “भारत” एक बार पुन: “विश्व गुरु” के रूप में प्रतिष्ठित हो। भारत उत्थान के इस महा उद्देश्य की पूर्ति हेतु ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति की ओर से प्रतिदिन सुंदरकांड पाठ के साथ-साथ प्रत्येक सप्ताह मंगलवार और शनिवार को नजदीकी मंदिरों में सामूहिक सुंदरकांड का आयोजन, “मातृशक्तियों” द्वारा वृहद स्तर पर करवाया जा रहा है। बिना किसी सरकारी या निजी सहयोग के 10 मार्च 2024 को महिला दिवस के उपलक्ष्य में पांच हजार से अधिक मातृशक्तियों द्वारा लखनऊ के झूलेलाल घाट पर सामूहिक सुंदरकांड का भव्य अनुष्ठान सम्पन्न करवाया गया था। इस क्रम में राष्ट्रीय स्तर पर तीर्थाटन का सिलसिला भी शुरू किया गया है। इसके तहत उत्तराखंड कोटद्वार के प्राचीन सिद्धबली मंदिर, नैमिषारण्य तीर्थ, काशी विश्वनाथ मंदिर, हर की पौड़ी, रुड़की महादेव मंदिर और प्रयागराज के लेटे हुए हनुमान मंदिर परिसर में भी भव्य सुंदरकाण्ड का पाठ सफलतापूर्वक आयोजित किया जा चुका है। इसके साथ ही बीते साल 11 सितम्बर से अयोध्या जी में प्रभु राम जी की जन्मभूमि परिसर में भी, मासिक सुंदरकांड पाठ का सिलसिला शुरू हो गया है। जिलों से दिलों तक को जोड़ते हुए उत्तर प्रदेश के बीस जिलों में सामूहिक सुंदरकांड करवाया जा चुका है।


